अब आप वो चित्र देखिये जो ताऊ स्टाइल में है यानी की इस चित्र में कोइ बलोगर शिकायत नहीं करेगा की वो मौजूद नहीं है यंहा तक की मै खुद भी हूँ |
वहां आये हुए बलोगरो ने आपनी अपनी कमिया बताई और बताया की बलोगिंग में आने के बाद उनको कैसा महशूस होता है | उसके बाद कवियों और कवियत्रियो ने अपनी रचनाओं से झिलवाया (सुनाया ) जो की मेरे जैसे मूढ़ प्राणी के लिए भेजे के ऊपर से निकलने वाली चीज है | केवल तालिया बजाई और झेली | कई किस्म के कवी थे दाढी वाले कवि, मूंछ वाले कवि | उनकी कविताएं तो बहुत अच्छी रही होगी लेकिन हम जैसे मजदूर(लठमार ) आदमी को अच्छी रचना की कंहा समझ है| और जाते जाते भी योगेन्द्र मोदगिल जी ने अपनी रचनाओं की पुस्तक "अंधी आँखे गीले सपने" भेंट की और रास्ते भर उस पुस्तक को झेला और बस में अपने पास सहयात्री को भी झेलवाया |
उनकी इसी पुस्तक से चार लाइन आप भी झेल ले .....
वो भी मुझ जैसा लगता है, शीशे में उतरा लगता है || बूढी विधवा -टूटी लाठी , दुक्खो का मेला लगता है || इसको पानी देना री बहूओ, |
---|
अब बात करते है कमियों की मुझे इस समारोह में आयोजन में कोइ कमी नजर नहीं आयी ,लेकिन जो बलोगर वंहा आये उनकी समस्यों का समाधान वंहा नहीं हो सका इसका मलाल जरूर है | जैसे की बहुत से बलोगरो ने यह क़हा की बलोग्वानी बंद हो गयी है इसका उन्हें बहुत दुःख है अब ये पता नहीं चलता है की किस चिट्ठे पर नयी पोस्ट कब आयी है | इस प्रकार के आयोजन पर जब इतना खर्चा हो रहा है तो एक प्रोजेक्टर का खर्चा और किया जाना चाहिए | उसके द्वारा सभी बलोगरो को नए टूल नयी तकनीक का प्रदर्शन किया जाता तो और भी ज्यादा ज्ञानवर्धन हो सकता था | मेरा ये भी मानना है की प्रत्येक ब्लोगर किसी न किसी तकनीक के बारे में जरूर जानता है जिसे दुसरे नहीं जानते है| हमें उन तकनीको को आपस में एक दुसरे से ग्रहण करना चाहिए | ताकी उनकी रचनाये शिघ्रता से सटीकता से ज्यादा से ज्यादा से लोगो तक पहुच सके |
दूसरी एक बड़ी कमी नजर आयी वो थी लाईट(रोशनी की ) की जंहा पर सब लोग मिलते है फोटो वगैरा खीची जाती है उसके लिए रोशनी, थोड़ी ज्यादा होनी चाहिए जिससे फोटोग्राफ्स ज्यादा सुन्दर आ सके क्यों की सभी लोगो के पास उन्नत तकनीक वाले कैमरे नहीं होते है |
इस सम्मेलन की अन्य बातों को जानने के लिए आप इन पोस्ट पर भ्रमण करे
कैसे हो ब्लोग्गिं से आर्थिक लाभ - रोहतक ब्लोगर मिलन---from प्रेम रस
तिलयार में छाया ब्लॉगरों का जादू ....संजय भास्कर from आदत.. मुस्कुराने की
रोहतक (तिलयार) में ब्लॉगर सम्मलेन : कुछ अविस्मरणीय पल ..केवल राम from चलते -चलते ....!
अंधी आँखें गीले सपने from अन्तर सोहिल = Inner Beautiful by अन्तर सोहिल
जब तिलियार में मिल बैठे यार ....रोहतक ब्लॉगर्स बैठक ..some photos cliked by झाजी from कुछ भी...कभी भी..
हिंदी पोस्टों/ ब्लॉगर्स के प्रति केवल एक नॉन ब्लॉगर ही निष्पक्ष रह सकता है ...दिल्ली से तिलियार ..एक कार सफ़र विमर्श ..रिपोर्ट नं १ from कुछ भी...कभी भी.. by अजय कुमार झा
तिलयार में ब्लॉगरों की बहार...रोहतक लाइव रिपोर्टिंग...खुशदीप from नुक्कड़
तिलयार चिल यार...रोहतक लाइव रिपोर्टिंग कंटीन्यू...खुशदीप from देशनामा
तस्वीरें बताती है कल क्या था आलम...रोहतक रिपोर्टिंग...खुशदीपfrom देशनामा by खुशदीप सहगल
इस पोस्ट में अपडेट की ये जाने की सम्भावना है अगर कोइ पोस्ट का लिंक रह गया हो तो जरूर बताये | एक बात और चलते चलते , रचना बी
bahut badhiya rapat hai...abhaar
ReplyDeleteआदरणीय नरेश जी
ReplyDeleteइस फोटो में अनिल 'सवेरा' नहीं दिख रहे हैं। शायद एक-आध ब्लॉगर और भी गायब हैं।
प्रणाम
सही कमी को पकडा जी लाईट वाली बात
ReplyDeleteआप वहीं पर बताते तो जलवाई जा सकती थी।
किसी ने इस बारे में ध्यान ही नहीं दिया और आपको मेरे बारे में तो पता चल ही गया होगा कि मैं फोटो-शोटो नहीं खींचता हूँ और ना मुझे खींचनी आती है।
प्रणाम
अरे वाह! क्या कमाल की फोटू बने है भाई साब! कमाल कर दिया आपने तो.... रिपोर्टिंग भी ज़बरदस्त की है.
ReplyDeleteलेकिन आप हमारी लाइव रिपोर्टिंग वाली पोस्ट का लिंक देना तो भूल ही गाएँ लगता है... मैं बता देता हूँ...
यह रहा नुक्कड़ पर पहली पोस्ट का लिंक
http://nukkadh.blogspot.com/2010/11/blog-post_8904.html
और यह रही लाइव रिपोर्ट:
http://deshnama.blogspot.com/2010/11/blog-post_8845.html
इस पर खुशदीप भाई ने फोटों लगाईं हैं....
http://deshnama.blogspot.com/2010/11/blog-post_22.html
ब्लॉग जगत को एक परिवार के रूप में संगठित होते देखना एक सुखद अनुभव है। पूरी जानकारी हमसे शेयर करने के लिए आभार।
ReplyDeleteइस सम्मलेन से जुड़े कई लिंक अपने सुझा दिए -आभार -इत्मीनान से सभी को बांचता हूँ !
ReplyDeleteगज़ब का माहौल बनाया है रोहतक में।
ReplyDelete@Shah Nawaz भाई अच्छा किया आपने याद दिला दी |मैंने पोस्ट को अपडेट कर दिया है आपके बताए लिंक लगा दिए है |
ReplyDeleteबहुत अच्छे।
ReplyDeleteशुक्रिया आपने बड़ी शिद्दत से बढ़िया रिपोर्ट पेश की है ....आपका बहुत आभार
ReplyDeleteरोहतक की रपट फिर पढनी पड़ी क्योंकि रिपोर्टर नरेश सिंह जी है. सुन्दर. आभार. झेल भी लिया.
ReplyDeleteसामायिक चर्चा ,
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...बेहतर होता छोटे हुए लिंक और देते ! फोटो कमाल का बनाया है ...
हार्दिक शुभकामनायें !
बढिया रिपोर्ट..व्यवसायिक व्यवस्तताओं के रहते, इच्छा होते हुए भी न आ पाये.
ReplyDeleteबढ़िया रिपोर्ट पेश की है
ReplyDelete“समीर लाल (उड़नतश्तरी) “ यह; नाम इस ब्लॉगजगत मैं किसी के तार्रुफ़ का मुहताज नहीं है . इनके अलफ़ाज़ "खुशियाँ लुटा के जीने का इस ढंग है ज़िंदगी " ही काफी है, इनके तार्रुफ़ ,,,,,,,,,,,,,
ReplyDeletebahut badhiya rapat hai...abhaar
ReplyDelete