Followers

Friday, April 24, 2015

लीबिया और वंहा की ब्रेड

     जैसा की आप जानते है मैंने रोजी रोटी कमाने के लिए पिछले दिनों लीबिया की यात्रा की थी । लेकिन समयाभाव के कारण आपके लिए वंहा के बारे में कुछ लिख नहीं पाया ।  इस पोस्ट में मई आपको वंहा की ब्रेड के बारे में बताता हूँ ।

    लीबिया में तबका है वो अधिकतर बाहरी मुल्को का है जैसे मिस्र,ट्यूनीशिया,पाकिस्तानी,भारतीय,बांग्लादेशी, और अन्य अफ्रीकन देश,जैसे बुर्किना फासो,नाइजीरिया,चाड,माली,सूडानी आदि । क्यों की लीबी लोग काम चोर और नशे के आदि है सरकार से अच्छी भली रकम खर्च करने को मिलती है । यंहा सरकार की मदद बेकरी उधोग को बहुत मिलती है । सरकारी सहायता के कारण बेकरी का बेसिक (मैदा)  बहुत ही कम कीमत में उधोग को मिल जाता है ।

     यंहा पर जो ब्रेड बनती है वो फ्रेंच ब्रेड होती है इसकी लम्बाई तीन साइज में होती है एक हॉट डॉग ब्रेड के बराबर यानी की 6 से 8 इंच दूसरी थोड़ी बड़ी होती है जो की 1 फुट के लगभग होती है तीसरी सबसे बड़ी जो की 18 इंच से लेकर 24 इंच तक होती है । जो सबसे बड़ी ब्रेड है उसकी कीमत भारतीय रूपये में 8  रूपये होती है ।इस ब्रेड में मिस्री और टुनिशियन लोग प्याज हरी, मिर्च,पनीर आदि भरकर खाते है । जबकि भारतीय लोग पाँव भाजी की तरह से सब्जी भर कर खाते है ।


लीबियन ब्रेड रेक पर ठंडी हो रही है

लीबियन ब्रेड बाजार में बिक्री हेतु  

         लीबियन और अफ्रीकन लोग अंडे को उबाल कर उसकी स्टफिंग करते है । बेकरी वाले ये ब्रेड दो समय पर बनाते है सुबह 8 से 10 और शाम को 3 से 5 बजे तक । ट्युनिशियन लोग बेकरी में बनी हुयी पतली रोटी ,दाल के बड़े के साथ खाते है जिसे तमैया  कहा जाता है । रोटी के ऊपर दाल का बड़ा ,चीज ,लाल मिर्च आदि डाल कर उसका क्रीम रोल जैसा बना कर देते है । दाल के बड़े भी बेचते है लेकिन उसमे लहसुन प्याज और मिर्ची नहीं होती है । अरे आपको कीमत बताना तो मै भूल ही गया । एक तमैया का 2 दिनार लेते है । बड़े 1 दिनार के 8 देते है । ब्रेड जो बड़ी साइज की होती है वो 1 दिनार की 8 देते है ।

Thursday, April 2, 2015

नेट सर्फिग के द्वारा मेडिकल बिल में कटौती Cutt your medical bill with surfing

     आजकल मानव शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियो से ग्रसित रहता है । हमारे देश में परिवार के बजट का अधिकांश हिस्सा शिक्षा एवं चिकित्सा पर खर्च होता है । आज मै आपको वो फंडा बताऊंगा की आपका मेडिकल का खर्चा कम होकर आपकी जेब को राहत प्रदान करेगा एक तरह से आप ओन लाईन कमाई ही करेंगे ।
     जेनरिक दवाईया : जेनरिक दवाईया क्या होती है ?
  
     जैनेरिक दवाईयां के सन्‍दर्भ में जैनेरिक (फार्माकोपियल) शब्‍द का अर्थ दवा के मूल घटक (Active Pharmaceutical Ingredient) से है। दवा निर्माता उनके उत्‍पाद को जैनेरिक या ब्रान्‍ड नाम से बेच सकतें है। ब्रान्‍ड पर निर्माता का एकाधिकार होने के कारण जैनेरिक के बजाय ब्रान्‍डेड दवाईयां कई गुणा अधिक मंहगी बिकती है, परन्‍तु दोनो की गुणवत्‍ता समान होती है।

   अधिकांश दवाईयों की निर्माण लागत बहुत कम होती है,लेकिन वो निम्‍नलिखित कारणों से रोगियों को कम दामों पर उपलब्‍ध नहीं हो पाती है:-

(1)  चिकित्‍सक किसी दवा कम्‍पनी के ब्रान्‍ड नाम की दवा लिखते है, इससे प्रतिस्‍पर्धा हतोत्‍साहित होती है और बाजार में कृत्रिम एकाधिकारकी स्थिति बनती है, जिसमें दवा कम्‍पनी द्वारा अधिकतम खुदरा मूल्‍य (MRP) काफी ज्यादा रखी जा सकती है

(2) अधिकतर दवाईयां "औषधि मूल्‍य नियंत्रण" से मुक्‍त होने के कारण निर्माता ब्रान्‍डेड दवाईयों पर अधिकतम खुदरा मूल्‍य काफी अधिक अंकित करतें है। औषधि विक्रेता मरीज से वही कीमत वसूल करता है जो MRP के रूप में उस पर लिखी होती है।

(3)  उपभोक्‍ताओं को यह बात मालूम नहीं है कि अधिकांश दवाईयों की उत्‍पादन लागत बहुत कम होती है।

    इसके अलावा यदि चिकित्‍सक ने किसी ब्रांड विशेष की दवा लिख दी तो फिर मरीज के पास उसे खरीदने के अलावा और कोई विकल्‍प नहीं होता, भले ही बाजार में उसी दवा के SALT के अन्‍य कम कीमत पर उपलब्‍ध हों। उदाहरण के लिए ब्‍लड केंसर के मरीज के ईलाज के लिए Imantinib Mesylate (API) आवश्‍यक है, जिसका निर्माण विभिन्‍न दवा कम्‍पनीयों द्वारा अलग-अलग ब्रांड से करके देश में बेचा जा रहा है, जिनकी कीमतों में 16 गुणा तक अन्‍तर है। जैनेरिक दवाईयों की उपलब्‍धता आम व्‍यक्ति को स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा प्रदान करने में बहुत बडा योगदान प्रदान करती है, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार जैनरिक दवाईयो के लिखे जाने पर केवल अमीर देशों में चिकित्‍सा व्‍यय पर 70 प्रतिशत तक कमी आती है, तथा गरीब देशों के चिकित्‍सा व्‍यय में यह कमी और भी ज्‍यादा होगी।
 
  जैनेरिक दवाईयां गुणवत्‍ता मापदण्‍डों (Identity, Purity, Strength and Effectiveness) में ब्राण्‍डेड दवाईयों के समान होती है तथा ये उतनी ही असरकारक है, जैनेरिक दवाईयों को बाजार में उतारने का लाईसेंस मिलने से पहले गुणवत्‍ता मानको की सभी सख्‍त प्रक्रियाओं से गुजरना होता है।बाजार में जैनेरिक दवाओं की उपलब्‍धता से निम्‍न फायदे हो सकते है :-
1. उच्‍च गुणवत्‍ता की दवाओं की कम की‍मत पर उपलब्‍धता।
2. एक ही रासायनिक तत्‍व के विभिन्‍न ब्राण्‍ड नामों से भ्रम की स्थिति का समाप्‍त होना।
 3. ब्राण्‍ड नामों से प्रचलित दवाओं के प्रचार प्रसार से होने वाले व्‍यय में कटौती।
  ये तो हुयी जेनरिक दवाइयों के बारे में सच्चाई अब मै आपको वो बात बताना चाहूंगा की आप इन दवाओ को कैसे खोजेंगे इसके लिए अगर स्मार्ट फोन धारक है तो गूगल प्ले स्टोर से Helth Cart Plus नामक एप्लीकेशन डाऊनलोड कर सकते है । अगर आप के पास स्मार्ट फोन नहीं है तो भी कोई बात नहीं आप इसकी वेब साईट से भी वो ही काम कर सकते है । आप इस लिंक पर क्लिक करके भी सीधे वंहा जा सकते है ।

इस सर्च बॉक्स में दवा के शुरू के कुछ अक्षर टाइप करे

     यंहा जो सर्च बॉक्स है उसमे आप अपनी दवा का नाम टाइप करे और रिजल्ट में बहुत सी वैकल्पिक दवाये आपको लिस्ट के रूप में मिलेगी जो साथ में प्राइस और पैकिंग की जानकारी तथा आप की बचत कितने प्रतिशत होगी वो भी जानकारी आपको मिल जाएगी किसी किसी दवा में तो 90 % तक की बचत हो जाती है ।