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Monday, September 20, 2010

कुछ यादे गांधीजी के समय की -बाबू के जी महेश्वरी Memory with Bapu -K.G.Maheshwari

बाबू के. जी. महेश्वरी 




जिस व्यक्ति ने जिन्दगी भर औरो पर फ्लैश चमकाई आज जब खुद पर विज्ञान भवन में फ्लैश चमक रही है तो उन्हें कैसा महसूस हो रहा है यह तो 88 वर्षीय बाबू के. जी. माहेश्वरी ही बता सकते है | हमेशा ही कुछ नया करने का जुनून उनमे ऊर्जा भरता रहा है | वे तीन अन्य फोटो जर्नलिस्ट के साथ थे | जिनमें प्रथम महिला फोटो जर्नलिस्ट होमी व्यरावाला ,बेनु सेन ,और एस पॉल भी थे | इन चारो को उप राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था | ( इस बारे में मैने पिछली पोस्ट में बताया भी था )

अम्बिका सोनी ,उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ,बाबू के जी महेश्वरी  




लेकिन जब पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया तब प्रचार से दूर रहने वाले बाबू के जी माहेश्वरी को अपने अतीत के कुछ पन्ने खोलने पड़े | वे अपने बीत हुए समय में झांकते हुए बताते है की " मुझे जिन्दगी भर कैमरे के पीछे से हमेशा ही कुछ नया दिखाई दिया है |1945 की एक शाम मै बापू के आश्रम में प्रार्थना के समय शामिल हुआ | उस प्रेरणादायक क्षण में ,मैंने महात्मा गांधी के मुस्कुराते हुए चेहरे का एक फोटोग्राफ लिया | उस समय मै 22 साल का था और मैंने फोटोग्राफी में डेवलपिंग का काम सीखा ही था | उसी शाम मैंने उस फोटो को तैयार किया | गांधीजी को दिखाने की उत्सुकता लिए दुसरे ही दिन उस चित्र को गांधीजी को दिखाया और उनसे उस चित्र पर हस्ताक्षर (ओटो ग्राफ ) करने हेतु क़हा | गांधीजी ने मुस्कुराते हुए मुझसे क़हा " मै बनिए का बेटा हूँ बगैर लिए कुछ देना मेरे लिए सही नहीं है इसलिए पहले तुम जाओ और हरिजनों की सेवा करो "


शायद आप यंहा भी जाना पसंद करेंगे
ज्ञान दर्पण 
राजपूत वर्ल्ड 
बगड टाईम्स ( यह अभी शैशव अवस्था में है )

Wednesday, September 15, 2010

तीन लघु कविताएं - नरेश अग्रवाल के कविता संग्रह से

श्री नरेश अग्रवाल मूलतः हमारे गृह जिले झुंझुनूं(राज.) के रहने वाले है लेकिन अब वे जमशेद पुर बिहार में रहते है | इनका  काव्य से बहुत प्रेम है इन्होने बहुत सी किताबे लिखी है | मै यहां आपको उनका पूरा परिचय नहीं दे रहा हूँ | पूरी जानकारी आप उनकी वेबसाईट     http://www.nareshagarwala.com/पर जाकर देख सकते है | मेरे आग्रह पर उन्होने मुझे कुछ कविताएं इस ब्लॉग पर छापने की अनुमति दी है | जिसके लिये मै नरेश अग्रवाल जी का आभारी हूँ | आपको कविताये अगर पसंद आयी तो आगे और भी कविताएं आपके लिये यहां लाऊंगा |


       पगडंडी

जहां से सडक़ खत्म होती है
वहां से शुरू होता है
यह संकरा रास्ता
बना है जो कई वर्षों में
पॉंवों की ठोकरें खाने के बाद,
इस पर घास नहीं उगती
न ही होते हैं लैम्पपोस्ट
सिर्फ भरी होती है खुशियॉं
लोगों के घर लौटने की !


कैसे चुका पायेंगे तुम्हारा          ऋण




रात जिसने दिखाये थे
हमें  सुनहरे सपने
किसी अजनबी प्रदेश के
कैसे लौटा पायेंगे
उसकी स्वर्णिम रोशनी


कैसे लौटा पायेंगे
चांद- सूरज को उनकी चमक
समय की बीती हुई उम्र
फूलों को खुशबू
झरनों को पानी और
लोगों को उनका  प्यार


कैसे लौटा पायेंगे
खेतों को फसल
मिट्टी को स्वाद
पौधों को उनके फल


ए धरती तुम्हीं बता
कैसे चुका पायेंगे
तुम्हारा इतना सारा ऋण ।



यह लालटेन



सभी सोये हुए हैं
केवल जाग रही है
एक छोटी-सी लालटेन
रत्ती भर है प्रकाश जिसका
घर में पड़े अनाज जितना
बचाने के लिए जिसे
पहरा दे रही है यह
रातभर ।



राजस्थान के लोक देवता
पहेली से परेशान राजा और बुद्धिमान ताऊ
माली गाँव :मन मोहक नजारा गणेशोत्सव की झांकी का

Saturday, September 11, 2010

यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट से कृतिदेव १० में और कृतिदेव १० से यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट में परिवर्तन

हिन्दी के ब्लोगरो ने यूनीकोड हिन्दी लिखना तो सीख ही लिया है मेरे जैसे कुछ अन्य हिन्दी लिखने वाले फोनेटिक की बोर्ड द्वारा हिन्दी लिख लेते है लेकिन रेमिंगटन हिन्दी लिखने में नानी याद आती है| मतलब की कृतिदेव फॉण्ट में टाईप करना | इसके बिना काफी काम काज नहीं हो पाते है| सभी सरकारी ओफीसो में शिक्षा संस्थानों में पब्लिशिंग हाऊस में पुराने कृति देव फॉण्ट को ही काम में लिया जाता है | आप पुराने कृतिदेव फॉण्ट के हिन्दी स्टिकर चिपका ले जो बाजार में पांच या दस रुपये का आता है | इससे आपका काम बन जाएगा | यह तरीका लेकिन बहुत समय लेने वाला है | दूसरा तरीका शैलेश भारतवासी के ब्लॉग ई मदद पर मिला है जिसे मेंने नकल करके यहां लगा दिया है | अगर आपको इस पोस्ट से कोइ मदद मिलती है तो इसका सारा श्रेय श्री शैलेश भारतवासी को दे जो कि हिन्दी को समर्पित बहु प्रतिष्ठित बलोगर है |

 विशेष नोट : यह स्क्रिप्ट अभी काम नहीं कर रही है इस लिये आप इस लिंक पर अपना काम कर सकते है |
http://technical-hindi.googlegroups.com/web/Krutidev010-to-Unicode-to-Krutidev010+Converter09.htm?gda=ZZxrdmkAAAAoiecIUhwFv064Wxa887DGnSnAfoVZy9A8FPufZlm-NroZ4o-WvKgOEoPehLypc4mvlw0zUi-TkmdHqTYXTGEP7lg4tgrRy3nt1UU9RAi06hUEt_jusoAqsqZPn14S02OECKgQbmraGdxlZulaYnsh


उनकी दूसरी काम आने वाली पोस्ट निम्न है -

 गूगल IME - हिन्दी में टाइप करने का सरलतम साधन
                                                       यह हिन्दी लिखने का सबसे सरल तरीका है | आप फोनेटिक की बोर्ड द्वारा आराम से हिन्दी लिख सकते है 
 किसी Karaoke ट्रैक में अपनी आवाज़ कैसे डालें?

 ब्लॉग/वेबसाइट पर गीत (पॉडकास्ट) नहीं सुन पा रहे हैं?
 स्काइपी का इस्तेमाल कैसे करें?
                                   यह पीसी से पीसी पर फ्री  विडियो काल का सबसे अच्छा माध्यम है | यहां आपको इसकी पूरी जानकारी मिलेगी |
 ब्लॉग की नई पोस्ट के ईमेल प्रचारकों से आज़ादी चाहिए?
 ऑडेसिटी से अपनी आवाज़ रिकॉर्ड कैसे करें
                                 ओडोसिटी आवाज रिकार्ड करने का सबसे अच्छा सोफ्टवेयर है | आप अपने कम्प्यूटर पर बजने वाली किसी भी आवाज को बिना माइक कई फोर्मेट में रिकार्ड कर सकते है फाईल की साईज को बिट रेट द्वारा कम या ज्यादा कर सकते है | पूरी जानकारी आप पोस्ट में पढ़ सकते है |








जोधपुर राजघराने में गूंजेगी शहनाइयाँ हठीलो राजस्थान 7

Thursday, September 9, 2010

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हुए बगङ शेखावाटी के वयोवृद्ध फोटोग्राफर बाबू के.जी.महेश्वरी

बाबू के.जी. महेश्वरी
श्री के. जी. महेश्वरी 2 नवम्बर 1922 को बगड़ (जिला -झुंझुनूं) में पैदा हुए थे | महेश्वरी जी को फोटोग्राफी का शौक अपने स्कूल के दिनों में शुरू हुआ | उनके पिता जी उन्हें संगीत की शिक्षा दिलवाना चाहते थे | लेकिन जो गुरू जी संगीत सिखाने के लिए आये उन होने स्वर परीक्षा के बाद मना कर दिया कहा की उनका गला संगीत के लायक नहीं है |








उन्होंने फोटोग्राफी की शुरुआत स्कूली दिनों में बॉक्स कैमरे से की थी | बाद में उन्होंने Rollie,  Leica M 3, Mamiaflex 330 भी ले लिए थे | 1938 में सेंट्रल कैमरा के, पी.जे. पटेल ने उनसे अपने फोटोग्राफ, Niharika Camera Pictorialists of Gujarat द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के लिए भेजने हेतु कहा | महेश्वरी जी ने अपने फोटोग्राफ भेजे और उसमे उन्होंने इनाम जीता| यह उनका पहला इनाम था जिससे उन्हें अपने शौक के प्रती और भी ज्यादा लगाव हो गया |

फोटोग्राफी के क्षेत्र में उन्होंने किसी प्रकार की औपचारिक शिक्षा नहीं ली थी | क्यों की इस प्रकार की शिक्षा की सुविधा उस वक्त हमारे यहां पर उपलब्ध भी नहीं थी | लेकिन सोभाग्य से उनका साथ उस वक्त के फोटो ग्राफी के दिग्गजों से रहा था | जिनमें से एक थे स्वर्गीय जहाँगीर जी उन वाला दूसरे थे स्वर्गीय बुरजोर जी फनिबुन्दा | महेश्वरी जी बताते है की पिक्टोरियल प्रिंट मेकिंग की असली विधा उनहोने इन दो महान हस्तियों से ही सीखी थी |

सन 1941 में उनकी शादी श्री मति शांति देवी से हो गयी | उनकी धर्म पत्नी ने भी उनका बहुत सहयोग किया और उनहोने देश और विदेश की अनेक प्रदर्शनियो में हिस्सा लिया | 1946 में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें ब्रिटेन की रोयल फोटोग्राफिक सोसायटी के सदस्य होने का ख़िताब हासिल हुआ | वे इस सोसायटी में पहले भारतीय सदस्य थे | इसके बाद तो उन्होंने बहुत से स्वर्ण ,रजत ,कास्य और प्रशस्ति पत्र जीते है | जिनकी संख्या 400 से भी ज्यादा है | और हाल ही में उप राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने उन्हें 19अगस्त 2010 को फोटोग्राफी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हेतु लाईफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया है 


उनके द्वारा अर्जित उपलब्धिया निम्न है -: ( माफ़ करे मै यह सब अंगरेजी भाषा में लिख रहा हूँ क्यों की इसमें हिन्दी के शब्द बहुत कम काम में आते है )
  • 1946 ---Enrolled as an Associate of the Royal Photographic Society of Great Britain - A.R.P.S.
  • 1975 ----Conferred by the Photographic Society of India - its highest honour -The Honorary Life Membership
  • 1985 Elected Honorary Fellow by India International Photographic Council
  • 1989 Photographic Society of Madhya Pradesh Honours among nine eminent camera artists of India.
  • 1990 Honorary Fellow of the Photographic Society of the University of Mississippi - F.P.S. (Univ).
  • 1992 Elected Associate of the Photographic Society of America - A.P.S.A.
  • 1992 Conferred Honorary Membership of India International Photographic Council for life time achievement and unparalleled service in the field of photography.
  • 1995 Conferred BIMB’s highest honour for excellence in photography “CHHAYARATNA”
  • 1996 The R. A. Acharya Memorial Photographic Club bestowed its Honarary Membership.
  • 1998 Awarded Gold Certificate for notable achievements as an exhibitor by India International     Photographic Council’s Grading Division.
  • 1998 The International Award presented for life time achievements in the national and international fields of photography by India International Photographic Council.
  • 2000 Conferred Hon. Fellowship by Image Colleague Society International Ltd., California, USA for outstanding contribution to photography.
  • 2000 Felicitated by the Photo Journalist Society promoting in Jodhpur, India, for his contribution in Indian Photography at their 20th FIP Convention, 2000.
  • 2002 Bestowed the Hon. Membership of National Pictorial Photographic Academy, Mumbai in recognition of singular and meritorious services for the cause of photography.
  • 2003 Conferred Hon. Life Membership by Photographic Association of Bengal, Kolkata.
  • 2003 Issued IIPC ‘Platinum’ Grade Certificate by India International Photographic Council.
  • 2004 Conferred 8th ‘Photographic Charchaa Samman’ for lifetime achievements.
  • 2005 Conferred Hon. Life Membership for contribution in the art and science of photography in the country by East Calcutta Photographic Association, Kolkata at the celebration of its golden jubilee in the year 2005.
  • 2007 Conferred Hon. Membership by the Photographic Society of Pune for life time achievement and unparallel services in and to the art of photography.
  • 2009 Enrolled Hon. F.I.P. by Federation of Indian Photography.

  • 2010 Photo Division, Ministry of Information & Broadcasting, G.O.I. conferred 1st National Photo Award  for Life Time Achievement for his Outstanding Contribution to the growth and development of Indian Photography. 
इसके अलावा उन्होंने बहुत सी देशी विदेशी चित्र प्रदर्शनियो के जज के रूप में भी भाग लिया है | वर्त्तमान में भारतीय फोटोग्राफिक सोसायटी और इंडिया इंटरनॅशनल फोटोग्राफिक काउन्सिल के सदस्य भी है | चार दशको से उनके चित्रों का प्रकाशन 'प्रिंट  और इम्प्रिंट ' नामक पुस्तक में  जिसका प्रकाशन बिड़ला आर्ट एंड कल्चर एकेडमी ,कोलकत्ता के द्वारा हो रहा है | आज भी वे बहुत सी वर्क शॉप का आयोजन कर रहे है | जिसमे इनडोर और आउट डोर दोनों तरह की फोटोग्राफी शामिल है | मोनो क्रोम फोटो ग्राफी की प्रदर्शनी में वे आज भी टोपर है

फिरोज शाकिर अपने गुरू महेश्वरी जी के साथ 


विशेष नोट - यह पोस्ट हमारे एक अजीज मी.फिरोज शाकिर (http://www.photographerno1.com)द्वारा भेजी गयी जानकारी पर आधारित है | यह जानकारी मूलत अंगरेजी में थी जिसे हमने टूटी फूटी हिन्दी भाषा में बदल दिया है जिसमे गलती हेतु हम आपसे क्षमा प्रार्थी है | श्री के. जी. महेश्वरी जी मूलतः हमारे कस्बे बगड (वर्तमान मुम्बई )के रहने वाले है इनके पिताजी श्री बी एल महेश्वरी जी ने बगड में उस समय (1926 में ) स्कूल बनवाया तब शिक्षा केवल राजे रजवाड़े की चीज थी जिसे उन्होंने आम आदमी को प्रदान किया | मुझे व मेरी शेखावाटी परिवार को आज इस सितारे से परिचय करवाते हुए गर्व है | जब यह बताता हूँ की मैने उन्ही के बनाए हुए स्कूल में शिक्षा ग्रहण की है तो अपने आपको और भी ज्यादा गौरवान्वित अनुभव करता हूँ

एक वीर जिसने दो बार वीर गति प्राप्त की
राजस्थान के लोक देवता

Monday, September 6, 2010

pc to phone काल करे जी मेल के द्वारा

जी हां यह बात सच है आप अपने अमरीका , कनाडा के दोस्तों से फ्री में जी भर कर बात कर सकते है | पहले वाली पोस्ट में आपको सोफ्टवेयर डाउनलोड करना पड़ता था ,पर इसमे इस प्रकार का कोइ झंझट नहीं है | गूगल ने यह सुविधा केवल वंहा के यूजर(अमरीका ,कनाडा ) को ही दी है | लेकिन आप भी वंहा की प्रोक्सी सर्वर को उपयोग में ले कर के यह काम बहुत आसानी से कर सकते है | मै ने भी किया है आप भी ट्राई करे अगर नहीं कर पाए तो टिपणी द्वारा पूछे या मेल करे | प्रोक्सी सर्वर हेतु आप गूगल सर्च का सहारा ले सकते है | फायर फोक्स्स में प्रोक्सी सर्वर की सेटिंग - tools----option---advance----network----setting----Manual proxy configuration है | यंहा आप प्रोक्सी आईपी और पोर्ट दोनों को भर कर ओके कर दे | आपका काम बन जाएगा | इससे पहले जी मेल में साइन आउट कर दे| प्रोक्सी की सेटिंग बदलने के बाद दुबारा लोग इन कर दे | तब चैट वाले विंडो में आपको फोन का निशान दिखने लग जाएगा | जिस पर क्लिक कर के आप डायल कर सकते है |






एक वीर जिसने दो बार वीर गति प्राप्त की
राजनैतिक दल एवं क्षत्रिय

Saturday, September 4, 2010

पत्थरी के रोग में बहुत उपयोगी है गोखरू

मै आपको बता दू की आयुर्वेद से मुझे बचपन से ही लगाव रहा है| अब ब्लॉग के माध्यम से मै आपको इस ज्ञान की खुराक समय समय पर पिलाया करूंगा |

सबसे पहले आते है आजकल के आम रोग पथरी पर | यह रोग आजकल ज्यादा ही पैर पसार रहा है | इस रोग की संभावना उन लोगो में ज्यादा है जिन्हें बहुत कम पेशाब की हाजत होती है | इस रोग की दो अवस्था होती है प्रथम अवस्था में यह बहुत परेशान करता है जब मूत्राशय में पत्थर बनने शुरू हो जाते है | क्यों की ये पत्थर इधर उधर गतिमान होते रहते है जिससे रोगी के पेट में बहुत दर्द महसूस होता है | उसके बाद इनके आकार में वृद्धि हो जाती है और ये अपनी जगह बना लेते है और नलिकाओं में व्यवस्थित हो जाते है | उस के बाद दर्द बंद हो जाता है | रोगी सोचता है की वह ठीक हो गया है | लेकिन महीने दो महीने बाद जब उस स्टोन की साईज और ज्यादा बढ़ जाती है और पेशाब की नलीकाये अवरूद्ध हो जाती है तब दुबारा ज्यादा दर्द होना शुरू हो जाता है |

गोखरू का फूल 
पत्थरी की चिकित्सा में सबसे महत्वपूर्ण औषधी है गोखरू जिसे कई नामों से जाना जाता है | संस्कृत में गोक्षुर,बंगाली में गोखरी ,तेलगु में पालेरी कहते है | यह उत्तर भारत में बहुत ज्यादा पाया जाता है | यह दो तरह का होता एक पहाडी दूसरा देशी | औषधीय उपयोग में देशी गोखरू ही उपयोग में आता है |इसका फल कटीला होता है | फूल पीले रंग के होते है | पोधे की ऊँचाई अधिकतम 18 इंच तक होती है |

गोखरू का पौधा 
औषधी विक्रेता के पास इसके बीज मिलते है जिनका उपयोग आप कर सकते है |पत्थरी के रोगी को इसके बीजो का चूर्ण दिया जाता है तथा पत्तों का पानी बना के पिलाया जाता है |  इसके पत्तों को पानी में कुछ देर के लिए भिगो देते है | उसके बाद पतो को १५ बीस बार उसी पानी में डुबोते है और निकालते है इस प्रक्रिया में पानी चिकना गाढा लार युक्त हो जाता है | यह पानी रोगी को पिलाया जाता है स्वाद हेतु इसमे चीनी या नमक थोड़ी मात्रा में मिलाया जा सकता है | यह पानी स्त्रीयों में स्वेत प्रदर ,रक्त प्रदर पेशाब में जलन आदि रोगों की राम बाण औषधी  है | यह मूत्राशय में पडी हुयी पथरी को टुकड़ों में बाट कर पेशाब के रास्ते से बाहर निकाल देता है | अगर किसी प्रकार की कोइ शंका हो तो किसी अच्छे वैध से परामर्श लेवे |
गोखरू के बीज 













श्री गंगा नगर (राजस्थान) के बैंक कर्मी श्री अमित कुमार मित्तल
असिस्टेंट कमान्डेंट राज्यश्री राठौड़ :राजस्थान की पहली महिला पायलट
छोटी सी उमर