- - आपका कंप्यूटर - कम्पुटर के बगैर आप ब्लॉग लिखने की कल्पना भी नहीं कर सकते है लेकिन यह कंप्यूटर भी कभी कभी जी का जंजाल बन जाता है | विशेष कर जब आप हिन्दी ब्लोगिंग करते है और बहुत सारे टूल्स और सोफ्टवेयर इस्तेमाल करते है | बहुत से ब्राऊजर , उनके विभिन्न प्रकार के एड्ड ओन्स,प्लग इन और कई तरह की सेटिंग जिसे वायरस या अन्य औपरेटिंग सिस्टम फाईल के करप्ट होने पर कितनी मुसीबत होती है यह तो कोइ भुक्त भोगी ही बता सकता है | एक बार फोर्मेट मार देने पर सब कुछ नए सिरे से बनाना पड़ता है और सारा काम दो चार दिन तक चलता रहता है | अब आप यह कहेंगे की इसके लिए तो एंटी वायरस काम में ले सकते है | जरूर ले सकते है लेकिन कुछ वेब साईट इस प्रकार के वायरस लिए हुए बैठी है की आपका एंटी वायरस अपडेट होने में अगर एक मिनट लेता है और आपने उस एक मिनट के दौरान या उससे पहले ही अगर उस साइट को खोल लिया तो, हो गया सब सत्यानाश | और कई बार ऐसा हो भी जाता है | तब यह कम्प्यूटर जी का जंजाल लगता है |
- अब बात करते है दुसरे नंबर के दुशमन की यह आपका इंटरनेट कनेक्शन - इंटरनेट कनेक्शन आपका सबसे बड़ा साथी है तो यह सबसे बड़ा दुश्मन भी है | जब तक चलता है तब तक चलता है लेकिन जब अड़ जाता है तो फिर चलने का नाम भी नहीं लेगा | और आप सारे जतन करके देख लेंगे | टेम्परेरी फाईल हटाएंगे ,हिस्ट्री और रजिस्ट्री क्लीन करेंगे | और भी पता नहीं क्या क्या उपाय लगायेंगें | लेकिन फिर भी यह मृत शैया पर लेटे बूढ़े की साँसों की तरह अटक अटक कर चलेगा | यह समस्या अगर सर्विस प्रोवाईडर की वजह से है तब तो एक दो दिन में या कुछ समय बाद ठीक हो जाती है | लेकिन अगर वाइरस की वजह से हुयी तो बिना फोर्मेट किये बात नहीं बनेगी |
- विधुत की कटौती - जो ब्लॉग लेखक शहर में रहते है उन्हें इस समस्या से ज्यादा झूझना नहीं पड़ता है लेकिन मेरे जैसे बहुत से ब्लोगर जो गाँवो में या कस्बो में रहते है उन्हें इसकी बहुत बड़ी समस्या है | बिजली विभाग की कटौती तो जग जाहिर ही है | उस पर भी बीच बीच में शट डाऊन भी चलता रहता है | अब मजे की बात बताऊ जब भी आप कटौती का कारण जानना चाहेंगे तो उनके पास साल भर की कटौती का कारण तैयार रहता है | जनवरी से लेकर मार्च तक उनका कहना है की बिजली की मांग कृषी कार्यो में ज्यादा है इस लिए घरेलू विधुत सप्लाई में कटौती की जा रही है | अप्रेल में पूछने पर क़हा जाता है की गर्मी ज्यादा है इस वजह से कूलर पंखे आदि ज्यादा लोड होने से कटौती है | जून में पूछने पर क़हा जाता है की मानसून में देरी से पानी की कमी आ रही है जो विधुत उत्पादन का महत्वपूर्ण घटक है | जुलाई अगस्त में पूछने पर क़हा जाता है की बरसात की वजह से जगह जगह पोल उखड गए है या कहते है की शोर्ट सर्किट हो जाता है इस लिए बार बार फ्यूज उड़ जाते है | इससे बचने के लिए जैसे ही दो चार बूँद गिरने लगती है पावर कट हो जाता है | अब आप ही बताइये कौनसा मौसम है जब पावर कट नहीं हो सकता हो | इस एक पोस्ट को लिखने में भी पांच बार सिस्टम को चालू किया तब जा के यह पोस्ट पूरे हुयी है |
- आपका परिवार /आपका ऑफिस - जो ब्लॉग लिखता है वो ही जानता है की उसका परीवार ब्लॉग लेखन से कितनी शत्रुता रखता है | आपकी धर्म पत्नी तो इस मुए कम्पुटर को अपनी सौत की ही संज्ञा देती है | और बार बार चली आती होगी छोटी छोटी बातो का सलाह मशविरा करने और ओफीस वाले भी आपको तंग करने के लिए बिना जरूरी काम भी लेकर आपके पास आ जाते होंगे | विशेष कर तब जब आप कोइ नयी पोस्ट लिख रहे हो | लेकीन क्या बिना परिवार की मदद के आप ब्लॉग लेखन की कल्पना भी कर सकते है क्या शायद नहीं ना ... |
छोटी सी उमर
प्रिय दोस्त लक्ष्मी कंहा हो तुम ?
राजस्थान के लोक देवता
great
ReplyDeleteअच्छी जानकारी व सराहनीय प्रयास ...
ReplyDeleteसुन्दर आलेख. आभार.
ReplyDeleteसुन्दर आलेख. आभार. अब हमें भी मिल रहा है "Server not found "
ReplyDeleteविशुद्ध ब्लॉगरीय विषय। चर्चा जीवित रखें।
ReplyDeleteWah ji so interesting...
ReplyDelete-------
चाँद, बादल और शाम
गुलाबी कोंपलें
The Vinay Prajapati
चर्चा में कारण तो आपने एकदम सही बताएं है |
ReplyDeleteइन चारों कारणों में से एक कारण वाइरस आने से कंप्यूटर ख़राब होने वाले से हमें तो उबुन्टू महाराज ने निजात दिला दी | जब से उबुन्टू बाबा ने हमारे कंप्यूटर में धुनी रमाई है तब वाइरस जी तो आस पास ही नहीं पटकते और कंप्यूटर हेंग होने का तो सवाल ही नहीं :)
बाकि तीन में से नेट स्पीड आजकल एयरटेल ने अपने यहाँ तो सही करदी वह भी दुखी नहीं करती :)
पर अभी दो कारणों से निजात नहीं मिल रही :(
हम भी एकाधिक कारणों से परेशान हैं आजकल. बहुत सटीक लिखा आपने.
ReplyDeleteरामराम
बात कही है दमदार !
ReplyDeleteअरे भगवान क शुकर है कि हम इन मै से किसी भी कारण से दुखी नही है, हां साल मै एक आध बार वायरस घुस जाता है तो उसे कान से पकड कर बाहर निकाल आते है, बिजली रानी कभी नही जाती, नेट कनेकशन भी नही जाता, बीबी किचन , बच्चो ओर अगर समय मिले तो टी वी मै मस्त :)
ReplyDeleteसत्य वचन.
ReplyDeleteअपने यहाँ तो ये चारों के चारों दुश्मन हमेशा लट्ठ लिए तैयार रहते हैं कि कब मौका मिले...
ReplyDeletesahi he..
ReplyDeleteविशुद्ध ब्लॉगरीय विषय।
ReplyDeleteइन चारों के बाद मुसीबत बनते हैं टिप्पणी ना करने वाले।
ReplyDeleteवाह जी वाह आपने तो मुंह की बात ही छिन ली क्या खूब लिखा है आपने? अति सुन्दर
ReplyDeleteलेकिन इन चारो के बगेर रह भी तो नहीं सकते
bilkul sahi karan hai ......aapne sirf 4 hi diye h par aur bhi kai karan hai jo dushman h .hehehehh
ReplyDeleteये दुश्मन हैं?
ReplyDeleteतो फिर हिंदी ब्लॉग जगत में टांग खींचने वाले, अपने (अ)ज्ञान से भरे कूड़ा करकट पोस्टों से इंटरनेट को पाट देने वाले, टेबुल राइटिंग करने वाले, धर्मा-धर्म की कुंजीपट खटकाते रहने वाले इत्यादि इत्यादि कौन हैं? महा-दुश्मन???
:)
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं!
बहुत सटीक लिखा आपने.
ReplyDeleteचारों दुश्मन हमेशा लट्ठ लिए तैयार ,बहुत सटीक लिखा आपने.
ReplyDeleteवाह जी वाह !
बिलकुल सही - सटीक
ReplyDeleteबात तो खरी है जी... लेकिन अब हम उन लड़ाकों जैसे हो गए हैं लड़ाई जिनका पेशा नहीं होबी हो गयी है... इनसे दोचार होना रोज़ का काम है....ब्लोगिंग के बाहरी दुश्मनों का ज़िक्र तो हो गया ... भीतरी आभासी वाइरसों का ज़िक्र कब होगा?
ReplyDeleteआपकी यह उत्कृष्ट रचना कल रविवार , दिनांक ४ अगस्त को ब्लॉग प्रसारण http://blogprasaran.blogspot.in/ पर लिंक की जा रही है .. कृपया पधारें
ReplyDeleteसाभार सूचनार्थ
अच्छी जानकारी व बहुत सटीक,सुन्दर आलेख
ReplyDeleteसुन्दर आलेख..... आभार
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