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Saturday, May 29, 2010

चिड़ावा - शेखावाटी का वो कस्बा जंहा सुअर पालन असम्भव है

चिड़ावा  - शेखावाटी में बहुत से  कस्बे है |  उनमे  चिडावा कस्बा भी प्रसिद्ध  है | चिडावा कस्बा जिला मुख्यालय  झुंझुनू से 30 किमी तथा राजधानी जयपुर से २२० किमी पिलानी से १५ किमी दूरी पर स्थित है | यह  कस्बा सेठ साहुकारो का रहा है | यह कस्बा बहुत सी बातो के लिए प्रसिद्ध रहा है |
चिडावा कस्बे में जिधर भी आप हलवाई की दूकान देखेंगे एक बोर्ड जरूर लगा हुआ होगा " लालचंद के मशहूर पेड़े यहाँ मिलते है " | यह लाल चंद कौन था यह तो मै भी  नहीं जानता ,लेकिन उसके बनाए हुए पेड़े बहुत प्रसिद्ध हुए है और उसके नाम का फायदा सभी  मिठाई विक्रेता उठाना चाहते  है |
इस कस्बे में आप कहीं भी सूअर नहीं देख सकते है क्यों की यहां सूअर पालन असम्भव है | यहां  के प्रसिद्ध संत बाबा गणेश नारायण जी  (बावलिया  पंडित जी )  ने किसी समय यह कहा था की यहां कोइ भी सूअर ज़िंदा नहीं रह पायेगा यानी की कोइ भी सूअर पालन नहीं कर पायेगा | इस लिए अब यह कस्बा सुअर मुक्त है | बहुत से लोगो ने पालने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए | अगली पोस्ट मै गणेश नारायण जी  के बारे में ही लिख रहा हू | 
यह कस्बा डालमिया घराने का पुश्तैनी गाँव भी है  |

11 comments:

  1. ये तो जी बडी ही अदभुत बात बताई।

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  2. लगता है सूअरों से नाराज होकर संत बाबा गणेश नारायण जी ने यह शाप दिया होगा |

    चिडावा के पेडे हमने भी खाए है बहुत स्वादिष्ट होते है |

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  3. बहुत सुंदर, सुअर पालन गलत नही लेकिन सडको पर सुअर घुमे ओर गंदगी फ़ेलाये यह अच्छा नही, सुअर क्या कोई भी जानवर सडक, ओर गलियो मै आवारा नही घुमना चाहिये.जब भी कभी आये तो लालचंद के मशहूर पेड़े यहाँ मिलते है जरुर असली वाले खायेगे.
    धन्यवाद

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  4. NAI JANKARI DI AAPANE.
    SHAYAD BHARAT ME AKELA SHAHAR HOGA CHIDAVA JAHA
    PAR "सुअर" NAI HOGE.
    बहुत सुंदर......

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  5. नरेश जी आप बहुत अच्छी जानकारी रखते हो इसके लिए बहुत धन्यवाद
    आप हमे यह बता सकते ह की झुंझुनू में अच्छा स्कूल कोनसा है कक्षा ११ के बाद पढने के लिए
    जो बजट में भी सही हो

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  6. ये तो बडी अनोखी जानकारी दी आपने.....रतन सिँह जी का कहना सही लगता है कि ये जरूर कोई श्राप जैसा ही चक्कर होगा...

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  7. आपने जलम दिन री घणी घणी शुभकाम्नावा सा.
    आपरी पोस्ट बांची , जाणकारी बधी.
    चैन सिंह शेखावत
    http://shekhawatchain.blogspot.com

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  8. चिड़ावा का पेड़ा तो म्हे भी खाया भाई जी।

    चोखी पोस्ट

    राम राम

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  9. चिडावा के पेडे हमने भी खाए है बहुत स्वादिष्ट होते है |

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  10. Thank you for the helpful post. I found your blog with Google and I will start following. Hope to see new blogs soon.Check it out happy monday photos

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