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Monday, March 7, 2011

फागुन के रंग राजस्थानी धमाल के संग

पाठक मित्रों इस बार बेमौसम की बरसात ने फाल्गुन का मजा कुछ कम कर दिया है | अब कुछ कुछ रंग शेखावाटी में दिखाई दे रहा है | तो आपका मन भी राजस्थानी धमाल सुनने को मचलने लगा होगा  | तो आइये धमाल का मजा ले |

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कुछ ओर भी है






8 comments:

  1. आभार.... गाँव की याद दिला दी....

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  2. AAJ KA AAP EK ALAG RAG ME NAJAR AA RAHE HAI.

    AAP KI LEKHANI BHI NAI CHAMAK KE SATH ROSHANI BEKER RAHI HAI.

    AAJ ME AAP KO PHONE KARUGA.

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  3. वाह, होली याद आगई.

    रामराम

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  4. आज कंप्यूटर के स्पीकर नहीं काम कर रहे इसलिए कल सुनेंगे :(

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  5. वाह जी मस्त हो गये यह गीत सुन कर, धन्यवाद

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  6. पहली बार सुने ऐसे गीत....... मजा आ गया सुनकर

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  7. क्या आपके पास "सीधा वर्ना" भी है? शेखावाटी में प्रचलित सीधा-वर्ना को लोक-वेद भी कहा जाता है. इसमें लोक-व्यवहार सिखाने वाले सूत्र हैं. आजकल तो यह लुपी हो गया, शायद शेखावाटी के आज के युवक लोग भी इसका नाम जानते होंगे.

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