ये अनुनाद सिंह कौन है ? हिन्दी के ब्लॉग जगत में ये प्रश्न कभी सामने आया है ? शायद नहीं ना ,क्यों ? इसका जवाब सीधा सा है या तो आप जानना नहीं चाहते या आप जानते है | लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जो इन दोनों ही जवाब से अलग राय रखते है | मेरी तरह यानी की जानते भी है ओर अधिक जानना भी चाहते है |
जब हिन्दी ब्लॉग जगत अपनी तकनीकी परेशानियों से जूझ रहा था तब कुछ ब्लोगरो ने इसके उद्धार हेतु बड़ा परिश्रम किया | तब तरह तरह की परेशानिया थी | ब्लॉग एग्रीगेटर ,ब्लॉग फॉण्ट , ब्लॉग टेम्पलेट की कमी ,यूनीकोड फॉण्ट की कमी ,हिन्दी साहित्य के प्रचार प्रसार का न होना आदि परेशानिया थी | जिन ब्लोगरो ने उस समय हिन्दी को कंप्यूटर पर व्यवस्थित रूप से लाने का कार्य किया उनमे एक नाम अनुनाद सिंह जी का भी है |
यह बात जुदा है की इसकी चर्चा बहुत ही कम जगह की गयी है जिसके दो कारण है पहला अनुनाद सिंह जी का प्रचार प्रसार व अन्य सामाजिक सर्किल से दूर रहना | दूसरा इस प्रकार के कार्य करने वाले ब्लोगरो को यहां बहुत जल्दी भुला दिया जाना भी है | अगर ये ब्लोगर नहीं होते तो क्या हिंदी ब्लॉग जगत आज इतना सुदृढ़ रूप में खड़ा होता शायद नहीं | आज हिन्दी के ब्लोगरो की संख्या बढ़ती जा रही है उसी अनुपात में पाठको की संख्या भी बढ़ रही है | यह सब सम्भव हुआ है उन ब्लोगरो की बदौलत जिन्होंने हिन्दी को इंटरनेट ओर कम्प्यूटर के प्रारूप में ढाला ओर निरंतर आज भी बिना किसी प्रचार के नींव के पत्थर की तरह योगदान दिए जा रहे है |
मेरी कोशिश रहेगी की मै अगली पोस्ट में उन सभी लोगो को आपके सामने लाऊ जिन्होंने हिन्दी भाषा को इंटरनेट पर प्रचारित करने में योगदान दिया हो | आप इस बारे में मेरी मदद करे टिप्पणी के तौर पर या सीधे मेल करे ताकी मै किसी का नाम लिखने से वंचित ना रहू |
अनुनाद सिंह जी के ब्लॉग
प्रतिभास
अनागत विधाता
भारत का वैज्ञानिक चिन्तन
भारत का इतिहास
नवाचार दर्पण
हिन्दी विश्वकोश प्रतिविम्ब
अगर आप इन ब्लोगों पर एक बार घूम कर आयेंगे तो आपको पता चलेगा की ये पोस्ट मैने क्यों लिखी है |
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जब हमने ब्लॉगिंग शुरू की तब भी अनुनाद भाई थे, आज भी है और कल भी रहेंगे.
ReplyDeleteअनुनाद भाई को कई बार पढा है, बाकी जब हम नये नये आये थे तभी से देख रहे है इन्हे ओर इन्हे सम्मान भी हम देते है
ReplyDeleteउन्हें कौन नही जानता ...उनके हिंदी प्रेम को हम जैसे लोग सलाम करते हैं.
ReplyDeleteअनुनाद सिंह जी के हिंदी प्रेम को सलाम |
ReplyDeleteहिंदी विकिपेडिया पर लिखने के लिए भी अनुनाद सिंह जी कई बार आव्हान कर चुके है | उनके आव्हाननुसार हमें हिंदी विकी पर भी लिखना शुरू करना चाहिए |
अनुनाद सिंह जी के बारे जानकारी देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार |
अनुनाद जी को कभी पढा तो नहीं लेकिन यदा कदा विभिन्न ब्लागस पर उनकी विद्वतापूर्ण टिप्पणीयाँ जरूर देखी है....
ReplyDeleteअनुनाद जी को पढ़कर बहुत सीखा हूँ । आभार परिचयात्मक लेख के लिये ।
ReplyDeleteदेखते हैं जी अभी अनुनाद जी को।
ReplyDeleteजब हमने ब्लॉगिंग शुरू की तब भी अनुनाद भाई थे, आज भी है और कल भी रहेंगे.
ReplyDeleteभाई अनुवाद सिंह बारे में यह बातें जानकर हमें बेहद प्रसन्नता हुई
ReplyDeleteजय माता जी की नरेश जी
ReplyDeleteधन्यवाद आपकी इस जानकारी के लिए
पर यह अनुवाद सिंह है / अनुनाद सिंह है
वाह !
ReplyDeleteआपकी सादगी और यह लेख दोनों ही पसंद आये !अनुनाद सिंह को कम पढ़ा है मगर मन में उनके प्रति आदर है शायद यह उन लोगों में से एक हैं जो प्रचार से दूर अपना काम चुपचाप बिना किसी लालसा के करते हैं ! आप को हार्दिक शुभकामनायें !
जब हमने ब्लॉगिंग शुरू की तब भी अनुनाद भाई थे, आज भी है और कल भी रहेंगे.
ReplyDeleteआभार