आज मै आपको इस गाने के बारे में बता रहा हूँ | जिसमे गीत के बोल गुजराती है और आवाज भी गुजराती गायकों की है लेकिन नाच रही है मशहूर विदेशी नर्तकी शकीरा | यह गीत कुछ दिन पहले एक न्यूज चैनल पर खबर बन कर उभरा था लेकिन इसके बारे में पोस्ट लिखने का ख़याल मुझे अभी आया है | मै आपकी सुविधा के लिए इस गीत के बोल भी लिख रहा हूँ और उसका हिन्दी में अर्थ भी और साथ में शकीरा के लटके झटके वाले इस वीडियो गीत का आनन्द भी ले सकते है |
खम्बो हो हो हो -२
खम्बो भरी लयो रे -२
लालूड़ा भरी भरी पी 2
दारूडो बहु मिठो रे २
पुरुष स्वर :ए शंतुडी आव ने तू पण पी
बेस बेस जल्दी पी
लालूडी ,शंतुडी,कंचुडी महुड़ो पी
नारी स्वर : ओ छोरा मैंने जावा दे
मेल छेड़ो मारो मेली दे
शरमाऊ घबराऊ
दिल मारू धक धक धड़के
इ लाव लाव ताड़ी नो पहली धार नो खम्बो
ला लाल लाला रे खम्बो
ले बुझावै खम्बो
ताडिनो ….
पहली धार नो …..
इंग्लिश छे अमरीका के लाव्या अफ्रिका नो
खम्भों हो हो हो ....
पुरूष स्वर : अहि टोली जमी छे मस्तानी
डिंगल करती दीवानी
चढी गयो ,झूमी ल्यो ,करी ल्यो हाल छोडी हाल
नारी स्वर: ले पतली पूरी थई
डूमर ताही झूमी गयी
बंधानी ,पियासी ,अंग मारू भड भड भड भड़के
ए मेल मेल ना खोल खोल दारूडा नो खम्भो
समूह स्वर में : लायो रे कंहा थी खम्भो
नारी स्वर: पीता पिवानो खम्भो
ए मिठङो मधरो मधरो जंगल नो खम्भों
मस्त मस्त मस्त मस्त
ना पीवू हूँ सस्ता नो खम्भो
समूह स्वर में:ला लाल लाला रे खम्बो लाव
ला लाल लाला रे खम्बो लाव
ला लाल लाला रे खम्बो लावोरे
पुरुष स्वर:पोटली पी गया
समूह स्वर में:छी खल्लास
पुरुष स्वर: बाटली पी गया
समूह स्वर में :छी खल्लास
पुरुष स्वर : चपटा ये पी गया
दोनों साथ में: छी खल्लास छी खल्लास छी खल्लास हालो ल्यो
दोनों साथ में: ताड़ी नो पीधो ,महुडा नो पीधो , मधरो पीधो ने पहली धारे पीधो
समूह स्वर में: पी गयो पी गयो पी गयो हो
दोनों साथ में: आंखू ना उल्लारे पीधो में
समूह स्वर में:पी गयो पी गयो पी गयो हो
दोनों साथ में: ए बाई ए पीधो ने ए भैयु ए पीधो ,
मोज मजा करी एमा वान्दो शु ?
हालो हारे मारे ,सही राडू नथी बोलो
नारी स्वर:खम्बो हो हो हो -२
खम्बो भरी लयो रे -२
लालूड़ा भरी भरी पी 2
दारूडो बहु मिठो रे
समूह स्वर में: खम्बो हो हो हो....
हिन्दी अर्थ
शराब के गुनागान करते हुए कहा गया की खम्भा ( शराब की बोतल ) भर के लाये है ये शराब बहुत मीठी है लालू (नाम ) भर भर के पी | नायक सभी को नाम लेकर पुँकारता है और पीने को कहता है | संतुडी, कंचुङी,लालूडी आदि लड़कियों को आमंत्रित कीया जा रहा है | लड़की घर जाने की जल्दी कर रही है | उसका दिल घबरा रहा है | वह पहली धार ( शराब जब बनायी जाती है तो जो शराब पहले बनती है उसे पहली धार का नाम दिया जाता तथा उसमे नशा भी बहुत ज्यादा होता है |) वाली शराब की मांग करती है | और पूछती है की यह खम्भा कहां से लाये है अमेरिका से या अफ्रीका से | इस के नशे में सभी झूम रहे है | ताड़ी , महुवा आदि सभी तरह की शराब हमने पी है | लडके और लड़की सभी ने पी लिया है | सभी ने मोज मस्ती की है इसमे क्या गलत किया है | इस शराब का स्वाद बहुत ही मीठा है |
नोट -: मैंने इसके बोल और उनका अर्थ अपने हिसाबा से लिखा है इअमे कुछ त्रुटी हो सकती है जिसके लिए मै पाठको से माफी चाहता हूँ | यदि आप इसमे कुछ शब्द सही करवाना चाहते है तो टिप्पणी में जरूर बताये |
Sunder ati Sunder
ReplyDelete9 अक्टूबर 2007 को इसके गीतकार, राजकोट के डॉ उत्पल जीवरजनी ने स्वयं अपने हाथों से हिन्दी में अनुदित मेरी पंक्तियों को सुधार कर वापस किया था। जिसे यहां देखा जा सकता है: http://i48.tinypic.com/2ykgr39.gif
ReplyDeleteइसका संगीत शैलेश-उत्पल का है तथा स्वर दिया है श्रीमती अनिता फर्नांडिस शर्मा व डॉ उत्पल जीवरजनी ने
ये भी बढिया जानकारी मिली.
ReplyDeleteरामराम.
बढ़िया जानकारी और मजेदार नृत्य
ReplyDeleteवाह राठौर जी
ReplyDeleteधन्यवाद इस गीत के लिये
ReplyDeleteवाह्! ये भी खूब रही....
ReplyDeleteक्या कम्बिनेशन है! देसी गीत पर विदेशी बाला का नृ्त्य :)
gajab
ReplyDeleteसुन्दर है ! आभार ।
ReplyDeletebadhai ho g. aapni shekhawati ke naam su blog banana par. aapke blog par di gayi jankari achi lagi.....mai b shekhawati ka chora hun
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