अगर आप टू व्हीलर चलाते है ,तो आपका वास्ता उसके पंक्चर होने की स्थति से भी पड़ा होगा | शहरी क्षेत्र में तो इस स्थिति में कोइ ज्यादा परेशानी नहीं होती है क्यों कि थोड़ी थोड़ी दूरी पर पंक्चर बनाने वाली दूकान मिल जाती है | परिस्थिति गंभीर तब बन जाती है जब आप ग्रामीण क्षेत्र से होकर जा रहे हो, वंहा दूर दूर तक किसी दूकान का नाम निशान नहीं हो़ता है |
इस समस्या से मुझे भी अक्सर दो चार होना पड़ा तब मुझे किसी परिचित ने इस जुगाड से परिचय करवाया | इसका नाम क्या है ये मै भी नहीं जानता हूँ | आप कुछ भी नाम रख लीजिए इससे कोइ फर्क नहीं पड़ता है | इसकी बनावट पलम्बरिंग में काम में आने वाली एक डिवाइस जिसे रेडुसर (reducer) कहते है को देख कर की गयी है | जो की मोटी पाईप को पतली पाईप से जोड़ने के काम आता है| इस जुगाड़ के द्वारा आप साईकिल में हवा भरने वाले पम्प से अपने टू व्हीलर या फॉर व्हीलर के टायर में हवा भर सकते है | एक बार हवा भर जाने से आप नजदीक के 10 -15 किमी में किसी भी पंक्चर बनाने वाली दूकान तक आराम से पहुच सकते है , और साईकिल का पम्प आसानी से हर जगह पर मिल ही जाता है | अरे !कीमत बताना तो भूल ही गया मात्र दो रूपये .......!
अब आप इसकी बनावट को सचित्र देखिये |
इस समस्या से मुझे भी अक्सर दो चार होना पड़ा तब मुझे किसी परिचित ने इस जुगाड से परिचय करवाया | इसका नाम क्या है ये मै भी नहीं जानता हूँ | आप कुछ भी नाम रख लीजिए इससे कोइ फर्क नहीं पड़ता है | इसकी बनावट पलम्बरिंग में काम में आने वाली एक डिवाइस जिसे रेडुसर (reducer) कहते है को देख कर की गयी है | जो की मोटी पाईप को पतली पाईप से जोड़ने के काम आता है| इस जुगाड़ के द्वारा आप साईकिल में हवा भरने वाले पम्प से अपने टू व्हीलर या फॉर व्हीलर के टायर में हवा भर सकते है | एक बार हवा भर जाने से आप नजदीक के 10 -15 किमी में किसी भी पंक्चर बनाने वाली दूकान तक आराम से पहुच सकते है , और साईकिल का पम्प आसानी से हर जगह पर मिल ही जाता है | अरे !कीमत बताना तो भूल ही गया मात्र दो रूपये .......!
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