राजस्थानी भाषा में न से शुरू होने वाले नकार वाले भाव के शब्द काम में नहीं लिए जाते है | काटने ,मारने ,कम करने की क्रिया या भाव वाले शब्दों से परहेज किया जाता है |
हिन्दी शब्द या वाक्य | राजस्थानी में त्याज्य शब्द | राजस्थानी में संस्कारित शब्द |
चुल्हा सुलगाना | आग बाळो | चूल्हों चेतन करो |
दुकान बंद करना | बंद करो | दुकान बढ़ाना /मंगल करना |
दीपक बुझाना | बुझावो | बडो करो |
पीटना | मारना | धोबा देवणो |
नमक | लूण | मीठो |
पानी में विसर्जन | बुहावणो | पधरावणो |
जाना | जावणो | पधारणो |
कंहा चले | कठै चाल्या | सिद्ध सारू |
१२ दिन का शोक | शौक | बैठक |
अस्थी संग्रह | अस्थी चुगणो | फूल चुगणो |
सर्प दंश | सांप काटणो | पान लागणो |
सब्जी काटना | काटणो | बन्दारणो /सुंवारणो |
मृत्यु उपरांत पगड़ी | पगड़ी | पोतियो |
शोक में बाल कटाना | सुंवार करवाणो | भदर होवणो |
दीर्घ शंका | शौच जावणो | हाजत होणो |
खाना खाना | रोटी खाणो | जीमणो |
जलपान | नाश्ता | कलेवा |
खाध सामग्री थाली में डालना | जीमावणो | पुरसणो |
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अरे वाह !!
ReplyDeleteइन बातों पर तो कभी ध्यान ही नहिं गया।
पानी पीजिए - पाणी पीओ - जल आरोगो
शौच जाना - - जंगल जा न आऊं
- लोटा ढोल'र आऊं(महिलाएं)
और शौक सभा से विदा लेते को नहिं कहा जाता "आवजो"
बडी सुन्दर जानकारी, आभार्।
बहुत अच्छी जानकारी प्रदान की है इसके लिए आपका आभार नरेश जी मगर मेरे को नमक को मीठा कहने वाली बात कुछ समझ में नहीं आई है।
ReplyDeleteबहुत उत्तम जानकारी का संग्रह छाप दिया आपने. हमें तो इन्हें प्रयोग मे लेते रहने की वजह से कभी ध्यान ही नही गया आज तक. बहुत आभार आपका.
ReplyDeleteरामराम.
@Surendra Singh Bhamboo
ReplyDeleteलूण ---> खारा
नमक से नकारात्मक भाव जुड़ा हुआ है. जैसे जले पे नमक छिड़कना, नमक ढोल देना, खार खाना, खरी खरी सुनाना इत्यादि. इसीलिए इसे कहने से बचा जाता है.
आम बोल चाल की भाषा में त्याज्य शब्दों के बढ़िया पर्यायवाची शब्द सुझाएँ है आपने
ReplyDeleteजर आप री आ पोस्ट पढ़ी जर याद आयो कि इण टाइप रा तो घंणा वाक्य और भी होसी। अबार कित्ती देर सूं माथो खपाऊं हूं एक पण याद कोनी आ रह्या। जर याद आसी जण टिप्प्णी करवा आसूं।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर जी. हमारे यहाँ "मै चलता हूँ या जा रहा हूँ नहीं कहा जाता. "तो फिर मै आता हूँ" कहा जाता हैं. सकारात्मकता अच्छी बात है. लेकिन कभी कभी परेशानी भी बन जाती है.बेलगाँव (कर्णाटक) जहाँ मराठी अधिक बोली जाती है, हमें बड़ी परेशानी हो गयी. होटल में खाना परोसने के बाद एक आदमी मीट मीट कहते हुए आया. हमने ध्यान नहीं दिया. बाद में हमें नमक की जरूरत पड़ी और माँगा भी.जवाब मिला की अभी अभी तो आदमी लेके आया था.
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी .. नकारात्मक बातों का प्रयोग गांववाले नहीं करना चाहते !!
ReplyDeleteमुजे तो यह पंजाबी के लगे जी, बहुत सुंदर बहुत सीधि साधी भाषा है बस बोलने मै ही फ़र्क है, पंजाबी मै ओर हरियाणवी मै भी कुछ ऎसे ही बोलते है. धन्यवाद
ReplyDeletepunjabi aur haryanavi ke kafi sare shabd marwari se milte julte hai
Deleteसच है, कठोर से प्रतीत होने वाले शब्दों के प्रयोग से हम बच सकते हों, तो बचें। बड़ी ही सुसंस्कृत सभ्यता का उदाहरण।
ReplyDeleteइनमे से कुछ तो मेरे यहाँ भी हैं ..जैसे
ReplyDeleteदुकान बढ़ाना,बडो करो(बडो),कलेवा,फूल चुगणो(फूल),पुरसणो(परोसना)
साथ कुछ राजस्थानी शब्द जानकार बहुत अच्छा लगा |
बहुत अच्छी जानकारी दी है।
ReplyDeleteभाई नरेश सिंग जी, बात तो थ्हे चो्खी कही, पण राजस्थान माय भी बोली हजारां तरियां की बोली जावे। थारा झुंझणु की बोली और नारनौळ की बोली ज्यादा फ़रक कोणी। जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, जयपुर की बोलियां माय घणो ही फ़रक है।"लूण" नै तो मै पैली बर "मीठो" सुणयो है।
ReplyDeleteम्हारे तो सीधी बोली ही बो्ली बोल्या करां। रोटी खा लई,कित जा सा, खाट खड़ी कर दिए,जितणा भी त्याज्य शबद लिख राख्या हैं अठे, म्हारे सारा ही ग्राह्य हैं। ईं नै ही चोखो समझै हैं। नही तो कह दियां करे"अरे यो तो बागड़ी सै"
राम राम
बहुत अच्छी जानकारी दी इन शब्दों/वाक्यों के बारे में. आभार.
ReplyDelete@भाई ललित जी ,
ReplyDeleteकभी कभी हरियाणवी में जो कहा जाता है उस से उलटा राजस्थानी में कहा जाता है | जैसे उत् गया से को राजस्थानी में बिगड़े हुए व्यक्ति के बारे में कहा जाता है | उत् जाने का मतलब है कि उसका नैतिक पतन हो गया है |
नरेश जी और ललित जी....आप दोनों ही सही है. हरियाणा मे ये त्याज शब्द नही है बल्कि सुदसट्ट ही बोले जाते हैं..कोई लागलपेट नही रखी जाती. इसीलिये हरियाणवी अक्खड कहलाते हैं. यानि "कित गया"? का जवाब मिलेगा "ऊत गया".:)
ReplyDeleteसही जानकारी दी है आपने.
ReplyDeleteदिवाळी की राम राम
ReplyDeleterajsthani sanskrti me bahut bate ha jiski jankari har aadmi ko nhi ha. es liye ye jankari sabhi kohoni jaruri ha.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी है.
ReplyDeleteधन्यवाद के लिये राजस्थानी मे उपयुक्त शब्द बतायें..
ReplyDeleteIt's very amazing. Rajasthani is a beautiful language and like it very much and want to learn.
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