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Tuesday, March 3, 2009

शेखावाटी पर्यटन की नजर से

शेखावाटी राजस्थान के उत्तर पश्चिम भाग में पड़ता है। । शेखावाटी राजस्थान के सीकर,झुँन्झुँनु, और चूरु जिलों को मिलाकर बना है।यहां आपको विविध रंग देखने को मिलते है । यहां पहाड़ी क्षेत्र(सीकर जिले का अधिकतर भाग), मरुस्थलीय भाग (चूरू जिला) मैदानी भाग ( झुँन्झुँनु जिला ) तीनों ही मिल जाते है ।


शेखावाटी अपनी कला व संस्कृति के लिए प्रसिद्घ है। सत्रवी अठारहवीं सदी से ही महाजन लोग मुंबई , कलकत्ता, मद्रास,सुरत जैसे शहरों में चले गये । इन्होने यहां पर बडी और सुन्दर हवेलिया बनाई। शेखावाटी अपने भित्ती चित्रों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। देशी और विदेशी सैलानी बडी संख्या में यहां घूमने आते है। शेखावाटी के रामगढ , फतेहपुर, मंडावा, महनसर, बिसाऊ,नवलगढ,डूण्डलोद,मुकन्दगढ जैसे कस्बे पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र हैं। इन कस्बों की गलियों मे देशी विदेशी सैलानीयो को घूमते हुये देखा जा सकता है । शेखावाटी को खुली कला दीर्घी भी कहा जाता है । क्यों कि यहां कि चित्रकला को देखने के लिये आपको किसी प्रकार कि परेशानी नही उठानी नही पडती है आप बडे आराम से गलीयों मे घूमते हुये हवेलियों के भीत्ति चित्रो को देख सकते है ।
प्रमुख जगहों मे महनसर में सेजराम पोद्दार की हवेली की सोने-चांदी की दुकान, पोद्दारों की छतरियां और यंहा का गढ भव्य इमारतें हैं। महनसर कि महारानी(शराब) तो यहा बहुत ही प्रसिध्द है ।डूण्डलोद का गढ जिसे आजकल हैरिटेज होटल बना रखा है । गोयनका हवेली खुर्रेदार हवेली के नाम से प्रसिद्ध है। इस हवेली का निर्माण सेठ अर्जुन दास गोयनका द्वारा करवाया गया था । इस विशालकाय चौक की हवेली के बाहर दो बैठकें, आकर्षक द्वार और भीतर सोलह कक्षों का निर्माण किया हुआ है । जिनके भीतर कोटडियों, दुछत्तियों, खूटियों, कडियों की पर्याप्त व्यवस्था रखी गई है । इसे आजकल संग्रहालय बना दिया गया है । इस घुमावदार खुर्रे की हवेली का भीतरी हिस्सा लोक चित्रों से भरा पूरा है |जिनमें श्रीकृष्णकालीन लीलाओं के चित्र प्रमुख है। मन्डावा का कासल होटल, सागरमल लादिया की हवेली, रामदेव चौखानी की हवेली मोहनलाल नेवटिया की हवेली भी दर्शनीय है।झुन्झुनु में राणी सती का मन्दिर,टीबडे वालों की हवेली और ईसरदास मोदी की सैकडों खिडकियों वाली भव्य हवेली हैं । रामगढ शेखावाटी में राम गोपाल पोद्दार की छतरी में राम कथा चित्रांकित है, घनश्याम दास पोद्दार की हवेली आकर्षक और कलात्मक है तो ताराचंद रूइया और रामनारायण खेमका हवेली आदि प्रमुख पर्यटन स्थल है । चूरू में भी मालजी का कमरा, सुराणों का हवामहल, रामविलास गोयनका की हवेली, मंत्रियों की बडी हवेली और कन्हैयालाल बागला की हवेली दर्शनीय है। जंहा जंहा इन गढो व हवेलियो को व्यवसायिक रूप मे इस्तेमाल होता है वहा वहा तो यह सुरक्षित है । लेकिन जहां यह किसी कि निजी सम्पती के तोर पर या लवारिस पडी है वंहा ये रख रखाव के अभाव मे जर्जर हालात मे है । क्यों कि इन हवेलियों के मालिक बाहर ही रहते हैं। उन्हे इनकी सुध लेने का समय ही नही है । पर्यटन को इस तरफ बढा कर इन को खत्म होने से बचाया जा सकता है।





















यदि
आप को विज्ञान विषय मे रूची है तो आप पिलानी भी घूम सकते है । यहा का बिरला म्युजियम तो लाजवाब है । पिलानी कि दूरी झुँन्झुँनु से ५५ किमी है। पिलानी मे दूसरी जगहों मे पंचवटी भी अच्छी जगह है । इसमे
रामायण के कुछ पात्रों का मूर्ती के रूप मे सजीव चित्रण किया गया है । इन्हे आप चित्रों मे भी देख सकते है( चित्र १.३ मेगा पिक्सल मोबाइल कैमरे से लिये होने के कारण कुछ धुधंले है)
झुँन्झुँनु दिल्ली से करीब २५० किलोमीटर व जयपुर से ये २०० किलोमीटर की दूरी पर है। आप यहां रेल व सडक दोनो ही मार्गों से पहूंच सकते है। यदि आप ज्यादा खर्चा कर सकते है तो आप हेरीटेज होट्लो मे रूक सकते है । लेकिन यदि आप सस्ते मे यकिन रखते है तो बस स्टैण्ड के पास ही काफ़ी सारे सस्ते होटल व लोज बने हुये है जहां आप रूक सकते है ।

शेखावाटी मे पर्यटन के विषय मे आपको यदि कुछ पूछ्ना हो तो आप मुझे टिप्पणी मे या मेल करके भी पूछ सकते है ।

(चित्र गुगल से लिये गये हैं किसी को कोइ आपत्ती हो तो हटा दिये जायेंगे ।)

10 comments:

  1. दिलचस्प है .सच कहू तो पूरा पूरा का राजिस्थान अपने आप में धरोहर है

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  2. वाह, आनन्द आ गया. राजस्थान घूमने की इच्छा उछाल मार रही है.

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  3. जब हम राजस्थान की बात करते हैं तो बाकी सभी फीके ही लगते हैं. झुंझुनू की जानकारी अछि लगी.

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  4. काफी अच्छी जानकारी ......
    शेखावाटी के वारे में काफी जानकारी अभी वाकी है.
    राठौङ भाई यहाँ के मंदिरों के बारे में भी सिल-सिलेबार जानकारी दीजिये ना.
    और अच्छा लगेगा.

    राजीव महेश्वरी

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  5. बहुत ही अच्छी जानकारी प्रदान कर रहे हैं...कृ्प्या ये बताने का कष्ट करें कि अगर यहां पंजाब से वाया श्री गंगानगर जाना हो तो आगे की यात्रा किस दिशा एवं किस माध्यम से रहेगी.

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  6. नरेश जी शेखावाटी में पर्यटन की बहुत अच्छी संभावनाएं है बस शेखावाटी के पर्यटन बिन्दुओं को उजागर करने की जरुरत है | अभी भी शेखावाटी में ज्यादातर विदेशी पर्यटक ही आते है देशी पर्यटक को शेखावाटी के दर्शनीय स्थलों का ज्ञान ही नहीं है | आपने जानकारी देकर बहुत अच्छा कार्य किया है | हो सके तो एक-एक कर अनेक स्थलों के बारे में जो आपकी जानकारी में है यहाँ जानकारी दे ताकि इस क्षेत्र को लोग ज्यादा अच्छी तरह से जान सके | अब देखिये न कि दिल्ली से बहुत सारे लोग सालासर जाते है लेकिन उन्हें खाटू श्याम बाबा, जीण माता, शाकम्बरी देवी,लोहार्गल व झुंझुनू के मंदिरों की जानकारी न होने की वजह से वे रास्ते ये सब स्थान होने के बावजूद नहीं जा पाते |

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  7. कुछ और जानकारी होती तो और मजा आता।

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  8. शेखावाटी की बहुत अच्छी तस्वीर पेश की है आपने.. मेरा ज्यादातर भ्रमण यहां मंदिरों की वजह से ही होता है..

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  9. भाई राजस्थान का नाम सुनते ही मै रोमांचित हो उठता हूँ लेकिन जब आप ऐसे मनोहारी चित्र दिखाते हैं तो उड़्कर वहा आने का मन करता है।

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