बलत्कार......रेप .......गैंगरेप ........सामूहिक बलात्कार .... यौनशोषण.....अश्लील एम एम एस ...नाबालिग का बलात्कार ....दलित लड़की .... !चलती गाड़ी में ....!
अब आप सोच रहे होंगे की इन शब्दों का इस पोस्ट में क्या लिखने का क्या उद्देश्य है | अगर SEO की दृष्टी से देखा जाए तो पता चलेगा | वेब साइट निर्माण में या बलोग पोस्ट में इन शब्दों का कुछ महत्त्व होता है | ये शब्द पाठक को सर्च इंजन से पोस्ट तक लाते है लेकिन जब इन्ही शब्दों का प्रयोग चीख चीख कर टीवी पर होने लगे तो उसे आप क्या कहेंगे .....? ये कौनसी मार्केटिंग पालिसी है कोइ समझाए भला ?
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चित्र गुगल से साभार |
एक समय था जब विदेशी (अंग्रेजी) चैनल अश्लीलता फैलाते यह कह कर उनका प्रवेश हमारे ड्राइंग रूम तक होने से रोक दिया जाता था | धीरे धीरे वही सब हिन्दी चैनलों पर परोसा जाने लगा | एक माध्यम केवल न्यूज चैनल बचे थे | उनके द्वारा भी प्रतिस्पर्धा के चलते टी आर पी में बढ़त हेतु वही सब दिखाया जाने लगा | बासी और फूहड़ द्विअर्थी संवादों वाली कामेडी या ऊपर दिए गए शब्दों वाली न्यूज |
अब तो होड़ मची है कौन सा चैनल सबसे ज्यादा इस प्रकार की खबर दिखाए |इन खबरों को दिन भर दिखाए जाने पर छोटे छोटे बच्चो के द्वारा भी ये पूछा जाने लगा है की ये बलात्कार क्या होता है ? कभी कभी तो इन खबरों को देख कर ये वहम भी होने लगा है की हमारे देश में लोगो के पास बलात्कार के सिवाय दूसरा कोइ काम ही नहीं है नेता घोटाला करते है और आम आदमी बलात्कार कर रहा है | कौन कह सकता है की भारत में मर्दानगी की कमी है ,अखबारों में मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाओं का विज्ञापन तो केवल छलावा है | न्यूज चैनलों को देख कर तो अब यही लग रहा है की सबसे ज्यादा बलात्कार (Rape) भारत में ही हो रहे है बाकी समूची दुनिया में शांति है |
बालात्कार तो हो रहा है देश की संस्कृती का उसकी सभ्यता का और हमारे जैसे संवेदनशील दर्शकों का | अब तो रोजाना इस प्रकार की खबरे दिन भर आ रही है और मानवीय संवेदनाओं को जडवत बना रही है | जय हो बुद्धू बक्सा....... |
(अगर आप ये पोस्ट फेस बुक में पढ़ रहे है तो बाकी पोस्ट पढने के लिए मुख्य ब्लॉग http://myshekhawati.blogspot.com पर पधारे )