झुंझुनू जिला कलेक्टर श्री मति मुग्धा सिन्हा का झुंझुनू में कार्यकाल अब तक केवल चार माह का रहा है | चार माह में उनके द्वारा किया गया उत्कर्ष्ट कार्य ही उन के तबादले की वजह बन गया है | झुंझुनू जिला राजनीति का गढ़ रहा है | यंहा के प्रशासनिक इतिहास को खंगाला जाए तो पता लगता है की जिस भी अधिकारी ने राजनीतिबाजो की बात नहीं मानी उन्हें यहां से रूखसत होना पडा है | और जिन्होंने नेताओं से और भ्रष्ट तंत्र से हाथ मिलाया है उन्होंने यहाँ पर मजे किये है |
जैसे ही मुग्धा जी के तबादले की खबर आयी जिले भर में जन आक्रोश दिखाई पड़ने लग गया है | आज मंडावा और नवल गढ़ क्षेत्र बंद का आह्वान किया गया है | कल झुंझनू बंद की भी अपुष्ट खबर है शायद शाम तक तय हो जाएगा की जिला बंद रहेगा या नहीं | विभिन्न संगठनों ने आन्दोलन छेड़ने की बात भी कही है |
मुग्धा जी के बारे में
मेरी शेखावाटी पर पहले भी एक पोस्ट प्रकाशित की थी | आगर आपने नहीं पढी तो अब पढ़ सकते है | अगर तबादला एक समान्य प्रक्रिया के तहत होता है तो कोइ बात नहीं थी लेकिन स्वार्थ की गंदी राजनीति के तहत अगर तबादला किया जाता है तो वो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक है | इस प्रकार के तबादलों से बढ़िया काम करने वाले अधिकारियों का मनोबल भी टूटेगा |
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पीरामल स्कूल में आयोजित खेल प्रतियोगिता में मुग्धा जी द्वीप जलाते हुए |
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पीरामल स्कूल में आयोजित खेल प्रतियोगिता में मुग्धा जी |
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पीरामल स्कूल में आयोजित खेल प्रतियोगिता में मुग्धा जी |
मुग्धा जी ने जो आशा की किरण जिले के नागरिको को दिखाई थी वो आज धूमिल होती दिखाई दे रही है | जन साधारण को उनके जैसे सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारी से बहुत आशा थी | आज वे सपने और आशाये टूट गयी है | झुंझुनू जिला अभी विकास के पंख लगा उड़ने वाला था लेकिन यंहा के नेता लोगो को और भ्रष्ट कारोबारियों को ये विकास चुभने लगा था | इस लिए उनके लिए ये तबादला करवाना बहुत ही शान की बात हो गयी थी उपर से तुर्रा ये की नेताजी छाती ठोकते कह रहे है की तबादला उन्होंने करवाया है | ये समाचार आप यंहा पढ़ सकते है |