जैसा की आप ने पिछली पोस्ट में पढ़ा की जन्म कुंडली बनाना बहुत ही आसान है जबकि उसका भविष्यफल बताना बहुत ही मुश्किल काम है और मै तो ये कहूँगा की १०० प्रतिशत सत्य भविष्यवाणी कोई कर ही नहीं सकता है । क्यों नहीं हो सकता है कारण ये है की कुंडली के बारह भावो में ग्रहो की स्थति का आंकलन और उसका जातक के ऊपर होने वाला असर ज्ञात करना वैसा ही काम है जैसा की भूसे ढेर में सूई ढूंढना । जैसे की कुंडली के दुसरे भाव में शुक्र का होना जातक को धनवान बनाने वाला माना उसके लिए दूसरी कंडीशन भी लागू होती है की गुरु सातवे भाव में होना चाहिए । इसी प्रकार अन्य ग्रहो का भी प्रभाव इस स्थिति पर पडेगा इस लिए भविष्यवाणी करना इतनी मेहनत और परीश्रम का काम है की आजकल के सामान्य ज्योतिषियों के बस की बात नहीं है ।
अब मै आपको एक बात और बता दू की कर्म का फल मिलता है ये हम सब लोग जानते है कहा जाता है की श्री मद भागवत गीता में लिखा की जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल पाओगे ये नियम किसने बनाया कोई कहता है कि भगवान ने बनाया है क्या भगवान किसी को बुरे कर्मो की सजा भी देते है । ये बात गले नहीं उतरती क्यों की भगवान तो सभी को सुखी रखना चाहते है फिर कौन है जो सजा देता है ये सवाल हमेशा अनुत्तरित ही रहेगा । मुझे कोई आजतक मिला नहीं है जो इसके बारे में बता सके की ये कर्म और फल वाली तराजू किसके पास है और किसने इसे बनाया है और मेंटेन रखता है । अगर इस विषय में आपको कोइ जानकारी हो तो जरूर बताये |
अब मै आपको एक बात और बता दू की कर्म का फल मिलता है ये हम सब लोग जानते है कहा जाता है की श्री मद भागवत गीता में लिखा की जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल पाओगे ये नियम किसने बनाया कोई कहता है कि भगवान ने बनाया है क्या भगवान किसी को बुरे कर्मो की सजा भी देते है । ये बात गले नहीं उतरती क्यों की भगवान तो सभी को सुखी रखना चाहते है फिर कौन है जो सजा देता है ये सवाल हमेशा अनुत्तरित ही रहेगा । मुझे कोई आजतक मिला नहीं है जो इसके बारे में बता सके की ये कर्म और फल वाली तराजू किसके पास है और किसने इसे बनाया है और मेंटेन रखता है । अगर इस विषय में आपको कोइ जानकारी हो तो जरूर बताये |
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