मै तो आपको इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताने वाला हूँ | अगर आप सीधे और शरीफ आदमी है तो कोई भी असामाजिक तत्व आपकी छवि को दो मिनट में ख़राब कर सकता है | क्या कहा यकीन नही हो रहा है ? तो आप यह स्क्रीन शोट देख लीजिए जिसे मैने आशीष जी के ब्लॉग हिन्दी ब्लॉग टिप्स पर से लिया है इसमें यह जो बदमाश आदमी के नाम से लिखा है वह किसी और ने नही मैने ही लिखा है | अब आप समझ गए होंगे की इस बॉक्स में कोई भी आदमी फर्जी नाम व इ मेल आइ डी से कोई भी मैसेज लिख कर छाप सकता है | और उसका स्क्रीन शोट बना कर आप की इज्जत को आपके रूतबे को मिट्टी में मिला सकता है
कुछ दिन पहले एक ब्लोगर भाई ने इस प्रकार की बदनामी के चलते हिन्दी ब्लोगिंग से किनारा करने की ठान ली लेकिन अगर आप ज्यादा प्रसिद्ध है कोई आप को इस प्रकार बदनाम करे तो आप क्या करेंगे सिवाय अपना माथा पीटने के |
बात तो बडे पते की बताई आपने. धन्यवाद.
ReplyDeleteरामराम.
अच्छी व उपयोगी जानकारी दी आपने।आभार।
ReplyDeleteधन्यवाद ... अच्छा किया ... मैने अभी तक नहीं लगाया है।
ReplyDeleteवो क्या कहते हैं..
ReplyDeleteWordpress rocks. :)
ताऊ की तरह मैं भी यही कहूँगा "पते की बात"
ReplyDeleteबात तो बिल्कुल सही है | दुरूपयोग होने की तो पूरी सम्भावना है !
ReplyDeleteपहले यह मेरे ब्लॉग में भी था जो मैंने बाद में हटा दिया.
ReplyDeleteआपने सही कहा. हिन्दी में इसका पहले-पहल प्रयोग मैंने अपने ब्लॉग में व रचनाकार में किया तथा अच्छा प्रतीत होने पर इसके इंटरफेस का अनुवाद भी हिन्दी में कर दिया था.
ReplyDeleteपरंतु बाद में कुछ स्पैमरों ने इस पर कब्जा जमा लिया व स्वचालित बॉट के जरिए उन्होंने मेरे चिट्ठों के सीबॉक्स पर पार्न साइटों की कड़ियाँ डालने लगे. मैंने इसे हटाने में देर नहीं की.
सीबॉक्स है तो बढ़िया, परंतु है बेहद ही असुरक्षित. हालाकि कुछ मामलों में आप सिर्फ पंजीकृत प्रयोक्ताओं को संदेश देने पर बाधित कर सकते हैं, मगर इससे उद्देश्य पूरा नहीं होगा.
इसीलिये मैंने गूगल चैट अपने ब्लाग पर लगा दी है। उससे आपपर खुले में कोइ कीचड़ नहीं उछाल सकता। आप भी उसे लगा सकते हैं, यहाँ चटकायें।
ReplyDeleteये तो आपने बहुत कमाल की जानकारी दी.....आभार
ReplyDeleteभाईसाहब वो विवाद भड़ास और श्री प्रकाश बादल जी के बीच हो गया था लेकिन बाद में समझ में आया कि वह मात्र किन्हीं तकनीकी दुष्टों का षडयंत्र था जिन्होंने ऐसा करा कि विवाद हो कर भड़ासियों की जो छवि हिंदी ब्लागिंग में कड़ी है वह इतनी बुरी हो जाए कि आप सब एक सुर में कह सकें कि भड़ास से जुड़े लोग लेखन के क्षेत्र में आतंकवादी हैं जैसा कि भाई प्रकाश बादल ने कहा था। जाहिर है कि ये हरकत कोई तकनीक का जानकार ही कर सकता है काश ये पता लगा पाना संभव होता तो मैं इस मामले को निजी तौर पर आफ़लाइन निपटाना पसंद करता।
ReplyDeleteसादर
डा.रूपेश श्रीवास्तव
जरूरी बात बतायी आपने । मैंने भी अभी इसे नहीं लगाया है ।
ReplyDeleteमैंने भी लगाने के बाद इसे हटा दिया था।
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खुशियों का विज्ञान-3
एक साइंटिस्ट का दुखद अंत
नरेश जी, राम-राम..
ReplyDeleteआपकी यह 'बदमाशी' मुझे पसंद आई.. आपने बिल्कुल ठीक फरमाया कि सी-बॉक्स की यह कमी है कि कोई भी कभी भी इसका दुरुपयोग कर सकता है। लेकिन एक साल तक प्रयोग करने के दौरान मुझे इसके नुकसान से ज़्यादा फायदा दिखा है। जैसा आपने देखा होगा, इसके जरिए मैं हैल्पलाइन संचालित करता हूं। पाठक इसके जरिए मुझे सरलतम रूप से अपनी समस्या भेज देता है और मैं समय मिलने पर उसके समाधान का प्रयास करता हूं।
अभी तक इसका दुरुपयोग किसी ने नहीं किया। लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि यह इस बात की गारंटी नहीं है कि ऐसा आगे भी नहीं होगा। इसलिए पहले से ही सोच रखा है कि जिस दिन इसका दुरुपयोग होगा, तुरंत इसे अपने ब्लॉग से बाहर का रास्ता दिखा दूंगा.. दुआ कीजिए कि यह दिन कभी न आए..
नरेश जी.. अब 'बदमाशी' थोड़ी मुश्किल है..
ReplyDeleteइस विषय को यहां उठाने के लिये और संभावित "काट" बताने के लिये आभार. सारथी पर यह विजेट लगा हुआ है.
ReplyDeleteसस्नेह -- शास्त्री
बहुत चिन्ता की बात है भई, अब तो हम सबको एलर्ट रहना होगा।
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TSALIIM.
-SBAI-
अच्छी जानकारी देने के लिए धन्यवाद!
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