
लूर, होली के गीतो के स्वर सुनाई पडने लग जाते है । तरह तरह कि विचित्र वेशभुषा
धारण किये हुये कुछ मजाकि लोग यहा गली चौराहे पर मिल जाते है । रात्री को
सामूहिक रूप से चंग(ढप) बजाते हुये धमाल गाते है । आजकल तो तकनीकि युग
आ गया है इस लिये म्यूजिक कम्पनियो के रिकार्डेड संगीत का ज्यादा चलन हो
गया है | मैने भी सोचा क्यों न शेखावाटी से दूर गये हुए लोगो को कुछ धमाल सुनाई
जाए जिसे सुनना उनके लिए अब शायद नामुमकिन सा हो गया है वैसे आप सबने
सीमा मिश्रा की आवाज में वीणा कैसेट पर ही ज्यादातर धमाल सूणी है लेकिन
वह ओरिजनल धमाल नहीं है |शेखावाटी की ओरिजनल धमाल आज आप यहाँ सुनेगे
आप महशूश करेंगे कि अभी आप अपने गांव मे पहूंच गये है ।
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(यह चित्र गूगल से लिया गया है किसी को ऐतराज होने हटा दिया जायेगा )