tag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post4475671378931104631..comments2024-03-18T14:39:04.705+05:30Comments on मेरी शेखावाटी: दरद दिसावर भाग -2 ( dard disawar part 2)wrote by shri bhagirath singh bhagyanaresh singhhttp://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-7873996149465076832016-05-13T13:13:58.918+05:302016-05-13T13:13:58.918+05:30https://www.youtube.com/watch?v=oywfb6RihKkhttps://www.youtube.com/watch?v=oywfb6RihKkAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12838224333318302336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-89744271073415537612009-07-08T21:39:51.568+05:302009-07-08T21:39:51.568+05:30नरेश जी ये दोहे तो मन को इतना छू गए कि इन्हें बार ...नरेश जी ये दोहे तो मन को इतना छू गए कि इन्हें बार बार पढने का मन करता है| कितनी बार भी पढ़लो मन ही नहीं भरता | कुछ दोहे तो दोस्तों को सुनाने के लिए याद भी कर लिए है | <br />वैसे श्रधेय सोभाग्य सिंह जी सही कहते है कि गद्य मर सकता है काव्य नहीं | काव्य हमेशा जीवित रहता है | और जो रस काव्य में पढने और सुनने में मिलता है वो गद्य में कहाँ |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-10521394648512406052009-07-08T12:13:10.655+05:302009-07-08T12:13:10.655+05:30आत्म विश्वास से भरपूर एक अच्छा आलेख।
एक से बढ़कर ए...आत्म विश्वास से भरपूर एक अच्छा आलेख।<br />एक से बढ़कर एक दोहे |<br />आपकी साधना पूरी हो- शुभकामनाएं॥RAJIV MAHESHWARIhttps://www.blogger.com/profile/14655178760836239744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-4127633825266210672009-07-08T01:00:59.919+05:302009-07-08T01:00:59.919+05:30नरेश जी पगेलागणां
थारों आज रो करियोड़ो काम आज तो...नरेश जी पगेलागणां <br /> थारों आज रो करियोड़ो काम आज तो मोकळो आनन्द दे ही रयो है आण वाळै दिनां में मायड़ रा और भी शौकीन लोग आसी तो बै देखर आनन्दित और हुसी। <br /><br />थानें घणो घणो आभार।Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-16634655635008224992009-07-07T21:41:05.081+05:302009-07-07T21:41:05.081+05:30एक से बढ़कर एक दोहे |एक से बढ़कर एक दोहे |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-71921941477287713842009-07-07T20:01:37.818+05:302009-07-07T20:01:37.818+05:30घर, गळियारा, सायना, सेजाँ सुख री छाँव् ।
दो रोट्य...घर, गळियारा, सायना, सेजाँ सुख री छाँव् ।<br /><br />दो रोट्या रै कारणै पेट छुडावै गाँव ॥ <br /><br />वाह्! कितनी सही बात कही है। सभी दोहे एक से बढकर एक.....Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-11776823982753234412009-07-07T19:16:59.523+05:302009-07-07T19:16:59.523+05:30वाह वाह..बहुत धन्यवाद आपको इस प्रयास के लिये और ईश...वाह वाह..बहुत धन्यवाद आपको इस प्रयास के लिये और ईश्वर आपको इस कार्य मे सफ़लता दे. यही शुभकामना है.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-48769628441220256502009-07-07T17:21:47.183+05:302009-07-07T17:21:47.183+05:30सुन्दर अति सुन्दर ! सभी दोहे एक से एक धन्यवाद .सुन्दर अति सुन्दर ! सभी दोहे एक से एक धन्यवाद .anilhttps://www.blogger.com/profile/16782475492940797688noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-84000805188003233152009-07-07T16:04:50.145+05:302009-07-07T16:04:50.145+05:30बहुत खूब.. दरद दिसावर के दोहों को पढ़कर बहुत आनंद ...बहुत खूब.. दरद दिसावर के दोहों को पढ़कर बहुत आनंद आया.. राजस्थानी भाषा का मान इंटरनेट पर बढ़ाने के सफल प्रयास के लिए आपका आभारAshish Khandelwalhttps://www.blogger.com/profile/09509723253252348001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-51947467140021173712009-07-07T15:17:50.954+05:302009-07-07T15:17:50.954+05:30खाणो पीणो बैठणो घडी नही बिसराम ।
बो जावै परदेस मँ ...खाणो पीणो बैठणो घडी नही बिसराम ।<br />बो जावै परदेस मँ जिण रो रूसै राम || <br /><br />सभी दोहे एक से बढ कर एक, बहुत सुंदर<br />लेकिन यह दोहा कुछ ऎसा लगता है जेसे अपना सा हो<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1319120687137125527.post-87453613498393885932009-07-07T14:24:36.402+05:302009-07-07T14:24:36.402+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति
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चाँद, बादल और शामबहुत सुन्दर प्रस्तुति<br /><br /><br />---<br /><a href="http://prajapativinay.blogspot.com/2009/07/agar-aamkh-roye-aur-dil-siskiyaan-bhare.html" rel="nofollow">चाँद, बादल और शाम</a>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.com