माँ की महत्ता बताते ये सुंदर सुन्दर पोस्टर मुझे इ मेल के माध्यम से बाबू के.जी.महेश्वरी जी (राष्ट्रपति पुरूस्कार धारक )ने भेजे थे | लेकिन थोड़ा समयाभाव के कारण इसे मै आपको दिखा नहीं पाया | सभी चित्र एक से बढ़िया एक है | जनवरी में ३१ दिन और हर दिन के लिए एक पोस्टर ,माँ कि महत्ता बताता हुआ |इसके लिए बाबू के.जी.महेश्वरीजी का आभार |
Sunday, January 23, 2011
Monday, January 17, 2011
कुछ बाते डिजिटल कैमरे के बारे में
डिजिटल कैमरा ब्लोगरो के लिए एक आवश्यक टूल है | डिजिटल कैमरा जब से मोबाईल में आने लगा है एक सर्व सुलभ वस्तु बन गया है | तस्वीर की गुणवत्ता के मामले में मोबाईल कैमरा ,कैमरा डीवाइस का मुकाबला नहीं करता है | जो परिणाम कैमरा डीवाइस में मिलता है वो मोबाइल कैमरे में नहीं मिलता है |
- मेगापिक्सल (Megapixels) अगर आप 4x6 की तस्वीर का प्रिंट निकालना चाहते है तो उसके लिए आपको कम से कम 2 मेगापिक्सल का कैमरा चाहिए ,लेकिन जब बड़ी तस्वीर निकालनी हो तो उसी अनुपात में इसकी जरूरत पड़ती है |
- एल सी डी स्क्रीन - कैमरे की स्क्रीन विभिन्न साईजो में आती है लेकिन ज्यादा तर तीन इंच की स्क्रीन पर्याप्त रहती है ताकी आप अपनी खींची गई तस्वीर को ठीक से देख सके और संपादित कर सके |
- ज़ूम साइज - यह कैमरे का आवश्यक तत्व है | निर्माता कंपनीया अपने माल को बेचने में इसी का फायदा उठाती है | ये दो प्रकार का होता है एक डिजिटल ज़ूम दूसरा ऑप्टिकल ज़ूम | डिजिटल ज़ूम में उस कैमरे का सोफ्टवेयर तस्वीर को बड़ा कर के दिखाता है,जबकी वास्तव में तस्वीर उतनी ही रहती है | जैसे हमारे कंप्युटर में हम फोटो को बड़ा करके देखते है |जबकि ऑप्टिकल ज़ूम में कैमरे का लेंस आगे पीछे होकर आपकी तस्वीर को नजदीक से या दूर से लेने में सहायक होता है | जिसके कारण तस्वीर बहुत ज्यादा स्पष्ट और गहराई लिए आती है |घरेलू कैमरों में अधिकतर ३ एक्स का ऑप्टिकल ज़ूम आता है |अगर आप आऊटडोर फोटोग्राफी (जैसे जंगली दृश्य ,पशु पक्षी आदि की) करना चाहते है तो उसके लिए इससे भी ज्यादा ज़ूम की जरूरत पड़ेगी | लेकिन इतना ध्यान जरूर रखे की आपको डिजिटल ज़ूम के चक्कर में नहीं पढ़ना है |
- ISO-ये प्रकाश को नापने के काम आता है | ज्यादा ISO वाला कैमरा कम रोशनी में भी साफ़ तस्वीरे ले सकता है| ये 800,1600,3200,6400 तक की रेंज में आते है |
- फेस डिटेक्शन - ये फंकशन आपके द्वारा इच्छित व्यक्ति की इमेज को सेव करके रखता है | और बाद में जब आप ग्रुप में फोटो खीचते है तब ये उस चेहरे के सामने आने पर ही फोटो खीचेगा अन्यथा नहीं |
- आई ब्लिंकर - ये फंक्सन ओन होने की अवस्था में जब आप फोटो लेते है और ऑब्जेक्ट की आँखे फ्लैस की चमक की वजह से बंद हो जाती है तो वो फोटो खिची नहीं जायेगी उसकी आँख खुली रहने पर ही फोटो खीची जायेगी
- मेमोरी कार्ड - हमारे कम्पयुटर की हार्ड डिस्क की स्पीड की तरह मेमोरी कार्ड के डेटा ट्रान्सफर की भी गति और नाप होता है| १० मेगा पिक्सल वाली 200 इमेज 1जीबी के डाटा कार्ड में रख सकते है|जितना मेगापिक्सल बढ़ेगा उतनी ही ज्यादा स्टोरेज वाले कार्ड की जरूरत पड़ेगी |
- इमेज सेंसर - ये कैमरे के अंदर होता है इसका आकार जितना ज्यादा होता है ये उतनी ही स्पष्ट तस्वीर ले पायेगा |ये आजकल सीसीडी टाईप का आता है |
- इमेज स्टेबलाइजेशन - कभी कभी हम फोटो लेते है तब हमारा हाथ हिल जाता है और फोटो ब्लरी(धुंधली)आती है |इससे निपटने के लिए आधुनिक कैमरों में इमेज स्टेबलाइजेशन का फंक्शन दिया जाता है ये दो प्रकार का आता है एक डिजिटल दूसरा मेकेनिकल | इसमें तुलनात्मक रूप से देखे तो मेकेनिकल का परिणाम ज्यादा बढ़िया आता है |
लेबल:
डिजिटल कैमरा,
तकनीकी जानकारी
Thursday, January 13, 2011
रोचक टिप्पणियाँ पिछली पोस्ट की
पिछली पोस्ट में मैंने सर्वे हेतु एक पोस्ट प्रकाशित की थी | जिसमे ये पूछा गया था की हिन्दी भाषी सक्रिय ब्लोगर की विभिन्न साधनों से प्राप्त मासिक आय कम से कम कितनी होनी चाहिए जिससे वो अपने परिवार का भरणपोषण करते हुए आराम से सक्रिय रूप से बलोगिंग कर सके | सक्रियता का माप दंड भी ये था की रोजाना बीस तीस पोस्ट पढ़ना और उन पर टिप्पणी देना तथा महीने में छ सात पोस्ट खुद के बलोग पर लिखना है | अब बात करते है इस पोस्ट पर आई हुई टिप्पणियों कि |
सबसे पहली टिप्पणी अजीत गुप्ता जी ने की “लेखन कभी भी आर्थिक सम्पन्नता से नहीं होता। यह तो फक्कडों का ही काम है। लेकिन ब्लाग लिखने के लिए कम्प्यूटर, ब्राडबेण्ड आदि चाहिए हीं इसलिए कुछ न कुछ तो दमड़ी जेब में होनी ही चाहिए।”
@अजीत गुप्ता जी, आर्थिक संपन्नता या गरीबी की बात नहीं कह रहा हूँ मै तो उस ब्लोगर की कार्यक्षमता का उपयोग कहा हो रहा है ये जानना चाहता था |
सतीशचन्द्र सत्यार्थी जी “ मुझे नहीं लगता कि आय से इसका विशेष सम्बन्ध है (बशर्ते कि व्यक्ति की पहुँच कम्प्युटर और इंटरनेट तक हो).. अगर ऐसा होता तो सबसे ज्यादा पोस्ट अम्बानी लिख रहे होते :)यह आपके व्यक्तित्व, रुचियों और अपने को अभिव्यक्त करने करने की तीव्र इच्छा से सम्बंधित है.. रुचि होगी तो ५०० रूपये प्रतिमाह की आय वाला भी लिख लेगा.. नहीं तो ५०००० कमाने वाले भी टेंशन में रहते हैं...”
@सत्यार्थी जी केवल रूची से ही सब काम नहीं होता है खाली पेट ब्लोगिंग तो क्या जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है |५०० रूपये की आय में परिवार का पोषण कैसे होता है ये मेरी तो समझ में नहीं आया है किसी को आया हो तो ज़रा समझाए |
@भाई काजल कुमार जी , आपकी बात में दम है लेकिन केवल ब्लोगिंग की बात तक तो ठीक है, मगर सक्रियता का प्रश्न भी है यंहा |
गोलमाल जवाब देने वालो में रतन सिंह जी ,फुलवरिया जी एस एम् मासूम जी ,वन्दना जी ,अजय कुमार झा जी
अब उन लोगो की बात जिन्होंने सही राय व्यक्त की है |
निर्मला कपिला जी =10--15 हजार रु.
दिनेशराय द्विवेदी जीDineshrai Dwivedi =30000 रु.
केवल राम :जी = 15000 रु.
खबरों की दुनियाँ =20,000 रुपये
अल्पना वर्माजी = 15000 रु.
Surendra Singh Bhambooजी = 3500 से 5000रु.
खबरों की दुनियाँ=20000रु.
अल्पना वर्माजी =15000रु.
अन्तर सोहिलजी = 25000 से 30000
Shah Nawazजी = 5000रु.
सुशील बाकलीवालजी =15000रु.
संजय भास्करजी =5000से 6000रु.
Patali-The-Village=15000रु.
mahanand yadavजी = 15000 से20000रु.
डॉ॰ मोनिका शर्माजी =15000से 20000रु.
अविनाश वाचस्पतिजी =50000रु.
दीप्ति शर्माजी = 20000से 25000रु.
ये सब आंकड़े देख कर मैंने भी निर्णय ले लिया है |अब बलोग जगत में सक्रियता से सन्यास लेना ही पडेगा | मेरे इस निर्णय से हिन्दी ब्लॉग जगत में कोइ बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं आएगा | पोस्ट लिखना जारी रखूंगा लेकिन टिप्पणियाँ देने में असमर्थ हूँ |जो भी ब्लोगर इस ब्लॉग पर इस आशा में टिप्पणी देता है कि मै वापस उनके बलोग पर जाकर टिप्पणी दूंगा तो वो भाई मुझे क्षमा करे मै ऐसा अब नहीं कर पाऊंगा |अगर किसी बलोगर भाई को कोइ तकनीकी समस्या आ रही हो तो उसके लिए मै हमेशा तैयार हूँ | धन्यवाद
सबसे पहली टिप्पणी अजीत गुप्ता जी ने की “लेखन कभी भी आर्थिक सम्पन्नता से नहीं होता। यह तो फक्कडों का ही काम है। लेकिन ब्लाग लिखने के लिए कम्प्यूटर, ब्राडबेण्ड आदि चाहिए हीं इसलिए कुछ न कुछ तो दमड़ी जेब में होनी ही चाहिए।”
@अजीत गुप्ता जी, आर्थिक संपन्नता या गरीबी की बात नहीं कह रहा हूँ मै तो उस ब्लोगर की कार्यक्षमता का उपयोग कहा हो रहा है ये जानना चाहता था |
सतीशचन्द्र सत्यार्थी जी “ मुझे नहीं लगता कि आय से इसका विशेष सम्बन्ध है (बशर्ते कि व्यक्ति की पहुँच कम्प्युटर और इंटरनेट तक हो).. अगर ऐसा होता तो सबसे ज्यादा पोस्ट अम्बानी लिख रहे होते :)यह आपके व्यक्तित्व, रुचियों और अपने को अभिव्यक्त करने करने की तीव्र इच्छा से सम्बंधित है.. रुचि होगी तो ५०० रूपये प्रतिमाह की आय वाला भी लिख लेगा.. नहीं तो ५०००० कमाने वाले भी टेंशन में रहते हैं...”
@सत्यार्थी जी केवल रूची से ही सब काम नहीं होता है खाली पेट ब्लोगिंग तो क्या जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है |५०० रूपये की आय में परिवार का पोषण कैसे होता है ये मेरी तो समझ में नहीं आया है किसी को आया हो तो ज़रा समझाए |
एक अजनबी जी ने फरमाया “बस दोनों टाईम दो मुट्ठी चना मिल जाए यही काफी है |ब्लागिंग करने वाले को भूख तो वैसे भी नहीं लगती कहीं आना-जाना होता नहीं इसलिए कपड़ों की भी चिंता नहीं "Kajal Kumar “मेरे ख्याल से आपका सवाल उल्टा है. सही तो ये है कि जो अफ़ोर्ड कर पाते हैं वहीं ब्लागिंग में हैं न कि न्यूनतम माल-मत्ता होने पर ही ब्लागिंग की जा सकती है “
@अजनबी जी, बीवी बच्चे क्या चने से काम चला लेंगे |
@भाई काजल कुमार जी , आपकी बात में दम है लेकिन केवल ब्लोगिंग की बात तक तो ठीक है, मगर सक्रियता का प्रश्न भी है यंहा |
गोलमाल जवाब देने वालो में रतन सिंह जी ,फुलवरिया जी एस एम् मासूम जी ,वन्दना जी ,अजय कुमार झा जी
अब उन लोगो की बात जिन्होंने सही राय व्यक्त की है |
निर्मला कपिला जी =10--15 हजार रु.
दिनेशराय द्विवेदी जीDineshrai Dwivedi =30000 रु.
केवल राम :जी = 15000 रु.
खबरों की दुनियाँ =20,000 रुपये
अल्पना वर्माजी = 15000 रु.
अविनाश वाचस्पतिजी =50000रु.
दीप्ति शर्माजी = 20000से 25000रु.
ये सब आंकड़े देख कर मैंने भी निर्णय ले लिया है |अब बलोग जगत में सक्रियता से सन्यास लेना ही पडेगा | मेरे इस निर्णय से हिन्दी ब्लॉग जगत में कोइ बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं आएगा | पोस्ट लिखना जारी रखूंगा लेकिन टिप्पणियाँ देने में असमर्थ हूँ |जो भी ब्लोगर इस ब्लॉग पर इस आशा में टिप्पणी देता है कि मै वापस उनके बलोग पर जाकर टिप्पणी दूंगा तो वो भाई मुझे क्षमा करे मै ऐसा अब नहीं कर पाऊंगा |अगर किसी बलोगर भाई को कोइ तकनीकी समस्या आ रही हो तो उसके लिए मै हमेशा तैयार हूँ | धन्यवाद
Sunday, January 2, 2011
हिन्दी बलोगिंग में एक बलोगर की सक्रियता हेतु मिनिमम मासिक आय( एक सर्वे )
हिन्दी बलोगिंग में एक बलोगर की सक्रियता (सक्रियता से आशय रोजाना बीस तीस पोस्ट पढ़ना और उन पर टिप्पणी देना तथा महीने में छ सात पोस्ट खुद के बलोग पर लिखना है | ) हेतु काफी संसाधनों की जुरूरत होती है | उनमे उसकी मासिक आय भी शामिल है | जिस के द्वारा वो अपने परिवार(छोटा परिवार) का भरन पोषण मध्यम शहर में रह कर आसानी से कर सके |इस कार्य हेतु विभिन्न साधनों से प्राप्त उसकी मासिक आय कम से कम कितनी होनी चाहिए ? ताकी वो बलोग जगत में सक्रिय रह सके |
मै ये जानने का उत्सुक हूँ की इस बारे हिन्दी बलोग जगत की क्या राय है | आप इस कार्य में सहयोग करे |
अपनी टिप्पणी में केवल मासिक आय की रकम बतानी है उसके अलावा दूसरा कुछ भी नहीं |
मै ये जानने का उत्सुक हूँ की इस बारे हिन्दी बलोग जगत की क्या राय है | आप इस कार्य में सहयोग करे |
अपनी टिप्पणी में केवल मासिक आय की रकम बतानी है उसके अलावा दूसरा कुछ भी नहीं |
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