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Friday, January 30, 2009

मेरा नया इन्टरनेट कनेक्शन

पिछले पन्द्रह दिन कैसे बीते है पूछिए मत | बिना ब्लॉग पढ़े समय कैसे गुज़रता है यह तो कोइ भुक्त भोगी ब्लॉगर ही बता सकता है |
हिन्दी ब्लोगरो को दो चीजों का ख़ास ख्याल रखना पड़ता है पहला अपने ब्लॉग के टेम्प्लेट का दूसरा इंटरनेट के कनेक्शन का | पहली समस्या यानी टेम्प्लेट वाली तो कभी ज्यादा महसूस नही की है | क्यों की अपने हिन्दी ब्लॉग जगत में तकनीकी ब्लोगर हमेशा ही मदद के लिए तैयार रहते है | और दूसरी समस्या के लिए अपने नैनो किंग रतन भाई जिंदाबाद | क्यों की ,इतने दिन से उन्हीं का फोन( टाटा इंडिकोम वाकी) इंटरनेट की फ्री सुविधा दे रहा था| बिना पैसा लिए अन लिमिटेड अप्लोअड, डाउन लोड दे रहा था | तकरीबन दो साल तक सेवा देने के बाद इस फोन ने ना बोल दिया और मेरे डाले हुए रिचार्ज कार्ड को अंधे कुये की तरह से हजम करने लगा | टाटा के बेचारे कस्टमर केयर वाले भी इस बारे में कुछ जवाब नही देते है | कभी बोलते है आपका यह फोन पोस्ट पैड है तो कभी बोलते है की आपका अकाउंट हमारे सिस्टम में अभी नही दिखा रहा है आप कृपया बाद में फोन करे | हमने थक हार कर अपने फोन को बक्से में बंद करके रख दिया |



उसके
बाद खोज शुरू हुई नये इंटरनेट कनेक्शन की ,सभी कंपनियों के सभी प्लानों को खंगाला गया | किसी में महीने का खर्च ज्यादा तो किसी में डाटा अपलोड डाउनलोड की लिमिट आड़े आ गयी | आख़िर में भारतीय सरकार का यह नया (केवल मेरे एरिया में ) यु एस बी डाटा कार्ड और इसका 250 रूपये में अन लिमिट का प्लान मुझे पसंद आ गया और फ़िर से आपके ब्लॉग पढ़ने के लिए आ गया हूँ | अरे हां, इसकी स्पीड बताना तो मै भूल ही गया वैसे इस पर लिखा हुआ है 153.6 kbps लेकिन यह हमारे यहाँ तो 70 kbps tak की स्पीड देता है | cdma है यानी की आपको इसका फिक्स नंबर मिलता है आप इन्टरनेट के साथ फोन भी कर सकते है मेसेज भी अपने कंप्युटर से भेज व प्राप्त कर सकते है |

Tuesday, January 13, 2009

हिन्दी ब्लोग जगत कि कुछ मजेदार बातें

हिन्दी ब्लॉगजगत में ज्यादा तर बलोगर आलोचनात्मक लेख से बचना चाहते है | इस लिए सतही बातें लिखते है | क्या आप भी एसा ही करते है | कही इस बात से तो नही डरते है की कोई पाठक नाराज ना हो जाये | मैं आपको कुछ ब्लोगों की रोचक बातें बताउगा जो आपने भी पढ़ी होगी पर ध्यान नही दिया होगा | या फ़िर आलोचनाओ से डरते हुए लिखने का साहस नही किया होगा |

यदि आप नये ब्लोगर है तो आपकी पहली पोस्ट पर इस प्रकार कि टिप्पणियां जरूर मिलेगी । हिन्दी ब्लोग जगत मे आपका स्वागत है । आपको ब्लोग सम्बन्धी किसी भी जानकारी की जरूरत हो तो नि:शंकोच बताये हमे आपकी मदद करके अच्छा लगेगा । एक बार हमारे चिट्ठे पर जरूर पधारे । इन लाइनों मे अन्तिम लाइन ही मुख्य है क्यों कि यह है नयी मछली को फंसाने का चारा ।
कुछ तकनीकी ब्लोगर अपनी पोस्ट मे यह भी लिखते है यदि आपको इस पोस्ट मे कुछ समझ मे नही आ रहा हो या किसी प्रकार कि कोइ परेशानी हो तो हमे जरूर बताये आपकी समस्या का निदान किया जायेगा। इन शब्दों पर मुझे एक ही ख्याल आता है , आपका वास्ता पहचान कि दुकान वाले से तो जरूर पडा होगा जो सामान बेचते समय (विशेषकर विधुत उपकरणों मे) आपको बिना बिल पर लिखे गारंटी देता है जब आप उसे लिखित मे देने के लिये कहते है (पहली बात तो आप एसा कहेगें ही नही ) तो वह पहचान कि दुहाई देगा । और फ़िर जब आप का उपकरण समय दौरान खराब हो जाता है तो आप को पता चलता है गारंटी कि असलियत । तब आप ठगाये हुये से महसूस करते है । उस गारन्टर दुकान वाले व उन तकनीकी ब्लोगर महोदय की असलियत का पता तभी चलता है जब आपको समस्याओं से दो चार होना पड़ता है । मेरी सलाह यही है कि आप अपना ज्ञान बढ़ाये दूसरों के भरोसे मत रहिये ।
गारंटी की बात पर मुझे याद आया पिछले दिनों मैने एक प्रिंटर खरीदा था hp all in one f80 माडल था। खरीदने के एक महीने बाद ही प्रिंटर ने काम करना बन्द कर दिया । जब उसे जयपुर स्थित उसके सर्विस स्टेशन मे भेजा गया तो पता चला कि इसके अन्दर चूहा घुस गया था और अन्दर की केबल को काट दिया है । इस लिये यह फ़िजिकल डेमेज है और कम्पनी के नियम के अनुसार फ़िजिकल डेमेज गारंटी के अन्दर नही आता है । मैने उनके अधिकारी से कहा कि चूहा घुस गया इसमें मेरी क्या गलती है कम्पनी को इसका समुचित प्रबन्ध करना चाहिये था जिससे चूहे के घुसने का रास्ता ही नही रहता । अंततोगत्वा अब वो प्रिंटर मेरे कबाड़ खाने कि शोभा बढा रहा है । माफ़ी चाहूंगा, यदि मेरी इस पोस्ट से किसी के पेट मे दर्द हुआ हो तो ।